फरीदाबाद। आखिरकार पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप के सुपुत्र विजय प्रताप सिंह के प्रयासों से फरीदाबाद वासियों के लिए नहीं बल्कि पूरे हरियाणा के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उददेश्य से माता अमृतानंदामाई (अम्मा) ने 2000 बेड का अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्सिस एंड रिसर्च सेंटर की सौगात बतौर तोहफे में दी है। फरीदाबाद क्षेत्र के लोगों को अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल की वो सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनके लिए उनको दिल्ली के ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट जाना पड़ता था। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सैक्टर-88, ग्रेटर फरीदाबाद में माता अमृतानंदामाई के 2000 बेड के अस्पताल का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से ट्रस्ट को 100 एकड़ जमीन माता अमृतानंदामाई ट्रस्ट को उपलब्ध कराने के लिए मठ से जुड़े एवं पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह के सुपुत्र विजय प्रताप ङ्क्षसह को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिसर्च सेंटर का लाभ फरीदाबाद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की जनता को होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अत्याधुनिक अस्पताल में पीडियाट्रिक, कार्डियालॉजी, हार्ट सर्जरी, संधिवातीय चिकित्सा, एंडोक्राइनोलॉजी, पल्मनोलॉजी, न्यूरोसाइंस, पीडियाट्रिक जेनेटिक, गेस्ट्रेऐंटरोलॉजी, पीडियाट्रिक ऑथोपेडिक्स और फीटस सर्जरी की सुविधाएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में एक छत के नीचे एडवांस पीडियाट्रिक्स के साथ मां और शिशु के लिए संपूर्ण चिकित्सा सहायता और उपचार करवाया जा सकेगा। इससे सेक्टर 88 में अमृता इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिस एंड रिसर्च सेंटर का शिलान्यास से पूर्व अमृतानंदामाई मठ के उपाध्यक्ष स्वामी अमृतस्वरूपानंद पुरी,स्वामी निजअमृत ,पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सत्यानंद मिश्रा, विजय प्रताप ङ्क्षसह एवं मार्डन डीपीएस समूह के चेयरमैन देवेन्द्र ने भूमि पूजन कराया और अस्पताल की नींव रखी। विजय प्रताप ङ्क्षसह कहा कि नया अस्पताल चिकित्सीय देखभाल को आम आदमी के लिए अधिक किफायती बनाने के लिए स्वास्थ्य समस्याओं का कम कीमत का समाधान खोजने पर विशेष फोकस के साथ मूल अनुसंधान कार्य करने के लिए एक पूरे बलॉक को समर्पित करेगा। इस अस्पताल का निर्माण जीआरआईएच और एलईईडी प्रमाणित होगा। एक हरित भवन, जिसका शून्य कार्बन फुटप्रिंंट, शून्य अपशिष्ट जल निस्तारण होगा और अंतत: 45 प्रतिशत से अधिक बिजली और सौर ऊर्जा द्वारा उपलबध कराई जाएगी। परियोजना में इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री भी पर्यावरण हितेषी होगी। 70 प्रतिशत से अधिक केम्प को हरित क्षेत्र में रखने की योजना है, जहां पेड़ पौधों एवं झाडिय़ों की स्थानीय किस्में और जलाशय मौजूद होंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने सम्बोधन में कार्यक्रम विशेष भूमिका निभाने वाले माता अमृतानंदामाई के मठ से जुड़े विजय प्रताप ङ्क्षसह का मंच से नाम तक नहीं मिलाया। गौरतलब है कि माता अमृतानंदामाई के मठ से जुड़े होने के कारण विजय प्रताप ङ्क्षसह ने ही ग्रामीण अंचलों एवं इलाकों से लोगों को आमंत्रित किया था । जिसके चलते बड़ी तदाद में आसपास के गांवों एवं इलाकों हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में उपस्थित हुए।