फरीदाबाद। बर्फ का गोला, शिकंजी, जलजीरा ये चीजें ऐसे गर्म मौसम में पीने में बेहद अच्छी लगती हैं और हमें ठंडक भी पहुंचाती हैं, लेकिन हम इस बात से बिल्कुल अंजान हैं कि इन पेय पदार्थों में इस्तेमाल किए जाने वाले बर्फ और पानी हमारे लिवर को हानि पहुंचाते है, क्योंकि हमें ये नहीं पता होता कि ये बर्फ और पानी दूषित हैं या साफ। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो दूषित पेयजल के कारण होती है। इस बीमारी के प्रति लोगों मे जागरुकता न होने के कारण लोग इसका शिकार हो रहे हैं। हम जागरुकता के अभाव में इसे गंभीर बीमारी का रूप दे रहे हैं। हेपेटाइटिस से बचने का एक आसान तरीका यही है कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे और दूषित पानी का सेवन न करें। गर्मियों के मौसम में हेपेटाइटिस ए और ई ज्यादा प्रभावी होता है और लोगों को अपना शिकार बनाता है। एशियन अस्पताल के एचओडी गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी डॉ. रामचंद्र सोनी ने बताया कि हेपेटाइटिस दूषित पानी के पीने के कारण होता है। जो पीलिया के रूप में पहचाना जाता है। दूषित पानी, पीने, जंक फूड का सेवन करने, बाहर का खुला या दूषित भोजन खाने से हेपेटाटिस के वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं। हालांकि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं,लेकिन ये सभी प्रकार के हेपेटाइटिस से बचाव के लिए सफल नहीं हैं और ये ऐसे व्यक्तियों को लगाए जाते हैं जिन्हें कभी हेपेटाइटिस रोग न हुआ हो। गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के दौरान ही हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को हेपेटाइटिस के इंफेक्शन से बचाया जा सके। क्योंकि गर्भवती महिलाओं के लिए बढ़ती प्रेग्रेंसी में हेपेटाइटिस खासकर हेपेटाटिस-ई बेहद खतरनाक होता है इससे बच्चे को खतरा हो सकता है।