फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भारत-चीन बॉर्डर पर गलवन वैली में भारतीय जवानों के साथ हिंसात्मक कार्रवाई की जहां कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। वहीं एसोसिएशन ने इस संबंध में सभी वर्गों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुट होकर अर्थव्यवस्था को जहां मजबूत बनाने के लिए योगदान देने का आह्वान किया है वहीं चाइनीज प्रोडक्ट का प्रयोग ना करने का भी आह्वान किया है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने भारतीय जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा है कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हम चाइनीस प्रोडक्ट का बहिष्कार करें।
कहा गया है कि वर्तमान में जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कारणों से चीन से आयात को प्रत्यक्ष रूप से नहीं रोका जा सकता, ऐसे में यदि समस्त भारतीय एकजुट होकर चाइनीस प्रोडक्ट का बहिष्कार करें तो इससे चीन को सबक मिलेगा।
श्री मल्होत्रा के अनुसार गैट (जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ) के अनुसार अंतरराष्ट्रीय व्यापार को विशेष परिस्थितियों को छोड़कर रोका नहीं जा सकता, परंतु यदि भारतीय एकजुट हों तो इससे चाइनीज अर्थव्यवस्था तथा चीन को सबक सिखाया जा सकता है क्योंकि भारतीयों की एकजुटता से चीन का 90 बिलियन डॉलर का व्यापार प्रभावित होगा।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि चीन के आयात में भारतीय हिस्सेदारी 0.9 फीसदी है जबकि भारतीय आयात में चीन 15.3% की भागीदारी कर रहा है। यही नहीं यदि हम चीन से आयात कम करते हैं तो इससे जहां भारतीय उद्योगों को काम मिलेगा वही चीन पर दबाव बढ़ेगा जो कि वर्तमान में काफी जरूरी भी है।
श्री मल्होत्रा का मानना है कि देश में क्लस्टर विकसित कर नई तकनीक का समावेश किया जाना चाहिए और टूल व डाई मेकिंग स्किल के साथ-साथ इज ऑफ डूइंग बिजनेस को और आसान बनाया जाना चाहिए।
कहा गया है कि यदि भारतीय उद्यमी व उपभोक्ता एकजुट होकर कार्य करते हैं तो इससे चाइनीज प्रोडक्ट के आयात को रोका जा सकता है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि खिलौनों से लेकर टेलीविजन, मोबाइल से लेकर मोटर कार, रेलवे से लेकर पावर प्लांट, फार्मा प्रोडक्ट से लेकर एफएमसीजी तक सभी में चाइनीस प्रोडक्ट का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए।
श्री मल्होत्रा ने इस संबंध में औद्योगिक संगठनों से भी आह्वान किया है कि वे आगे आकर चायनीज उत्पादों पर निर्भरता को कम करने के लिए विकल्प दें। इसके साथ-साथ सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को चाहिए कि वह जनता में यह संदेश दे कि भारत निर्मित उपकरण कुछ महंगे हो सकते हैं, परंतु यदि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है तो चाइनीज प्रोडक्ट को बंद करना होगा और यही हमारे जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।