फरीदाबाद। फरीदाबाद के पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने कहा कि गर्मियों में पक्षियों को दाना-पानी उपलब्ध करवाना पुण्य का काम है, जिसे हमारे पूर्वज सदियों से करते आ रहे हैं। किंतु पक्षियों के साथ-साथ इस शहर का गरीब-मजदूर तबका गर्मी बढऩे की वजह से पेयजल के अभाव में प्यास से मरने लगा है। चारों तरफ जलाभाव में हाहाकार मचा हुआ है । इसकी वजह यह है कि समय रहते भाजपा सरकार ने जलापूर्ति को बेहतर करने की दिशा में कोई काम नहीं किया है। इसी का नतीजा है कि मजदूर बस्तियों के साथ सैैक्टर के लोग भी पानी खरीदकर पी रहे हैं। उन्होने कहा कि पशु-पक्षियों की सेवा करना हम भारतीयों की संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। हमारे बुजुर्ग हमें बचपन पशु-पक्षियों की सेवा किस प्रकार करनी चाहिये। गर्मियों मे उनके लिए छतों पर मिट्टी के पानी के बर्तन रखते थे और छत पर उनके खाने के लिए दाना आदि डालते थे। कौशिक ने कहा कि हमें पर्यावरण और परिंदों के साथ-साथ आदम की जात को भी बचाने पर ध्यान देना चाहिए। भीषण गर्मी में फरीदाबाद के आम लोगों का पानी की किल्लत के चलते बहुत बुरा हाल हो गया है। कालोनियों और स्लम क्षेत्रों में तो पानी की कमी को लेकर बहुत बुरा हाल है। सार्वजनिक नलों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है । अक्सर पानी को लेकर विवाद पैदा हो जाता है और कई बार मारपीट की नौबत तक आ जाती है। लेकिन भाजपा के नेताओं को गरीब लोगों की ये समस्या दिखाई नहीं दे रही हैं। पीने के पानी की कमी के चलते पानी माफियाओं के अच्छे दिन आ गये हैं। भाजपा शासन में उन्हीं लोगों के वारे-न्यारे हो रहे हैं। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर पानी माफिया पीने के पानी को बेच रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है।पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने कहा कि फरीदाबाद के समीप ही यमुना नदी है, जिसमें पीने के पानी का अथाह भंडार है। यमुना का पानी फरीदाबाद को मुहैया कराने के कांग्रेस शासनकाल में विशेष परियोजना बनी थी। लेकिन भाजपा का शासन आने के बाद जनहित की सभी योजनाओं को बंद करके भाजपा ने अपना असली चाल चरित्र चेहरा जनता को दिखा दिया है। यदि भाजपा के नेता वास्तव में ही जनता का दर्द समझते हैं, तो फरीदाबाद के लोगों को यमुना का पानी मुहैया करवाते और इस भीषण गर्मी में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल मिल पाता और लोगों को पानी खरीदकर नहीं पीना पड़ता।उन्होंने कहा कि आज भाजपा के शासन में आलम यह है कि पेयजल, बिजली, सडक़ और अन्य प्रकार की मूलभूत सुविधाओं पर पूरी तरह से विराम लग चुका है। लोगों को जनसुविधायें न मिल पाने की वजह से भाजपा के लगभग दो दर्जन से ज्यादा विधायक बगावत पर उतर आये हैं। भाजपा की बैठकों में कार्यकर्ता जन सुविधाओं के लिए नेताओं को खरी-खोटी सुना रहे हैं। भाजपा के विधायक और मंत्री आम जनता का सामना नहीं कर पा रहे हैं। जनता भी भाजपा सरकार को चुनकर अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है।