लालबत्ती बचाने मे कामायब रहे केद्रीय मंत्री
फरीदाबाद। अब किस्मत कहे या फिर भगवान का आर्शीवाद चाहे जो भी हो पर मानना पडेगा कि केद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर सदैव से किस्मत के धनी रहे हैं। पार्षद के चुनाव से शुरूआत करने वाले गुर्जर देखते ही देखते केंदीय मंत्री बन गए और इस बार प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रीमंडल विस्तार में उनकी लालबत्ती सही सलामत रह गई। अटकले लगाई जा रही थी कि मंत्रीमंडल विस्तार में शायद उनकी लालबत्ती छिन सकती है क्योकि इस बार सांसद का चुनाव उनसे हार चुके अवतार ङ्क्षसह भडाना भी बीजेपी में शामिल होकर लालबत्ती के ख्वाब देख रहे थे। यह चर्चा आम हो चुकी थी कि जिस तरह से अवतार ङ्क्षसह भडाना बीजेपी में अपना कद बढाने में लगे हुए है उससे कृष्णपाल गुर्जर को नुक्षान होना लाजिमी हैं। परन्तु गुर्जर ने पटकनी देकर अपनी कुर्सी बचा ली और दिखा दिया कि अभी भी उनकी पकड पार्टी में पूरी तरह से हैं। सांसद चुनाव से पूर्व गुर्जर और भडाना की शहर में दोस्ती की मिसाल दी जाती रही थी । इसी दोस्ती की खातिर जब पूर्व में तिगांव विधानसभा से कृष्णपाल गुर्जर विधायक के चुनाव लड रहे थे तो अपनी ही पार्टी के नेता ललित नागर को पटकनी देकर गुर्जर को जीतवा दिया था। परन्तु समय में बदलाव आया और बीजेपी की लहर पूर्ण भारत मे सुनाई देने लगी जिसे देखकर कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद से सांसद चुनाव लडने का फैसला लिया जिस बात से पूर्व संासद अवतार सिंह भडाना क्षृब्द हो गए और उन्होने सार्वजनिक मंचों से यह बता जगजाहिर कर दी कि बीजेपी के नेता होने के बावजूद भी उन्होने गुर्जर के सभी काम करवाए थे और अहसान मानने की बजाए उन्होने उनकी पीठ पर छुरा घोप दिया। फिलहाल पूर्व सांसद अवतार भडाना बीजेपी सरकार में है क्योक कुछ समय पूर्व इन्होने कांग्रेस पार्टी और इनेलो का दामन छोड दिया था।