फरीदाबाद । शिक्षा जगत में अपनी अलग छाप रखने वाली शिक्षिका डॉ. अर्चना भाटिया लेखन के क्षेत्र में भी नई ऊंचाईयों की ओर बढ रही हैं। उनकी नई काव्य रचना दृष्टिकोण न केवल नारी को जीवन जीने के लिए नई और सही दिशा दिखाएगा, बल्कि जीवन में आने वाली सामाजिक और पारिवारिक परेशानियों से निपटने के लिए भी प्रेरणा देगा। यह विचार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे ने यहां अपने कार्यालय में लेखिका डॉ. अर्चना भाटिया की नई काव्य रचना का विमोचन करने के उपरान्त लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर कवियत्री डॉ. अर्चना भाटिया ने राज्यमंत्री डॉ. पांडे का आभार जताते हुए कहा यह उनकी दूसरी पुस्तक है। इससे पहले वह संबंधों का आधार नामक पुस्तक लिख चुकी है। उन्होने कहा दृष्टिकोण में 46 कविताएं हैं जो रिश्तों और नारियों को जीवन में और अधिक सहजता से जीने के लिए प्ररेरित करती हैं। डॉ. अर्चना भाटिया ने नई काव्य रचना के विषय में जानकारी देत हुए बताया दृष्टिकोण मूल रूप से नारी जाति को समर्पित पुस्तक है। इसे जेबीएस पब्लिशर्स ने प्रकाशित किया है। यह एक काव्य संग्रह है जिसमे अपनी कवितओं के माध्यम से उन्होंने अपनी अनुभवों एवं भावनाओं को बताने का प्रयास किया है कि कैसे एक महिला को अपने अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितयों में अपने भारतीय संस्कारों के साथ अपना कर्तव्य निर्वाह करना चाहिए। कवयित्री की यह भावना एक साधारण आम महिला के जनमानस को प्रस्तुत करती है और समाज में हो रही उथल-पुथल के सामने एक वैचारिक प्रहरी का कार्य निष्पादन करती है, क्योंकि किसी भी मनुष्य का उत्थान एवं पतन उसके वैचारिक पूंजी की देन है। कवयित्री ने अपने दूरदर्शी स्वभाव से आज के आधुनिक युग में महिलाओं को सभ्य सुसंस्कृत समाज की स्थापना, उनकी देख रेख एवं उसकी पावन प्रगति के लिए मार्गदर्शन प्रस्तुत किया है। डॉ अर्चना भाटिया एसोसिएट प्रोफेसर,अध्यक्षा, वाणिज्य विभाग, डीएवी शताब्दी कॉलेज में पिछले तीस वर्षो से आध्यांपनरत है। इस दौरान उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रस्तुत किये एवं कई कार्यशालाओं का आयोजन किया। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने 30 जुलाई 2014 एवं 25 फरवरी 2016 में इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। यह कीर्तिमान उनके विषय सांख्यकी से सम्बंधित था। ऐसा प्राय: कम देखने को मिलता है जब किसी व्यक्ति का जन्म स्थान एवं कर्म स्थान एक हो और यह संबंधता उनके जीवन एवं शिक्षण में सहज ही दिखाई देती है। विद्यार्थियों के साथ उनका सम्बन्ध सिर्फ शिक्षण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें हमेशा उनके उन्नत नैतिक व बौद्धिक मूल्यों के विकास में उनका योगदान अमूल्य एवं अतुलनीय है। यह उनके हृदय के वृहदता एवं सरलता का घोतक है। सफल शिक्षक, भारतीय संस्कारो से सुसज्जित आदर्श महिला की सजीव प्रतिमान के रूप में उनका व्यक्तित्व भरा-पूरा है। इतना ही नहीं समाज सेवा के क्षेत्र में उनका पदापर्ण औपचारिक रूप में सन 2014 में नारी उत्थान शिक्षण से सशक्तिकरण के अध्यक्षा के रूप में अपने प्रभावशाली कार्यशालाओं के माध्यम से उन्होंने युवा महिलाओ को सही दिशा निर्देश, अभिप्रेरणा एवं सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। अपनी संस्था के माध्यम से जिला फरीदाबाद एवं पलवल के मेधावी छात्राओं को अनुदान राशि भी उपलब्ध करवाती रही हैं। उनको समय समय पर विभिन्न संस्थाओ के माध्यम से विशिस्ट प्रतिभा सम्मान, समाज गौरव सम्मान जैसे आभूषन से अलंकृत किया है।