नई दिल्ली। मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच एक बच्चे की मदद को लेकर सियासी महाभारत छिड़ गया है। दरअसल भोपाल के एक दलित बच्चे कौशल को पढ़ाई में मदद के लिए राहुल गांधी ने तीन साल पहले निर्देश दिए थे जिसके बाद इसे एक निजी स्कूल में भर्ती कराया गया था और इस बच्चे की पढ़ाई का खर्च राज्य की कांग्रेस यूनिट कर रही थी।
राहुल के निर्देश पर बच्चे के पिता को कांग्रेस नेता के स्कूल में नौकरी भी दी गई लेकिन कुछ दिन पहले इस बच्चे की पढ़ाई एक बार फिर छूट गई। इस बात की खबर मिलते ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी ने कौशल का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में कराने का फरमान जारी कर दिया। अब इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गए हैं।
वहीं कौशल के पिता मदद के नाम पर चल रहे महाभारत से नाराज हैं उनका कहना है कि उनके बेटे के नाम पर दो पार्टियां जो सियासत कर रही हैं उसमें उनका परिवार पिस रहा है।
दूसरी तरफ कांग्रेस स्मृति इरानी की कोशिशों से नाराज है उसका कहना है कि स्मृति इरानी अमेठी में राहुल से चुनाव हार गई थीं इसकी वजह से वो छोटे छोटे मुद्दों पर सियासय कर रही हैं। कांग्रेस के आरोपों के जवाब में बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी ऐसे काम सिर्फ नाम और शोहरत के लिए करते हैं लेकिन फिर वो उनकी सुध नहीं लेते। इसलिए बीजेपी ने उनकी पूरी मदद का बीड़ा उठाया है।