चंडीगढ़ (standard news on line new portal/manoj bhardwaj)….. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राष्टï्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के शुन्य से 18 वर्ष आयु तक के जन्मजात हृदय विकार से पीडि़त 183 बच्चों का सरकारी तृतीयक स्तरीय चिकित्सा संस्थानों एवं अग्रणी निजी अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया गया है। इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक करवाये गये इन ऑपरेशन पर करीब 2 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ हैं। श्री विज ने बताया कि इसके लिए सरकार ने जयपुर के नारायण हृदयालय, फोर्टिस अस्पताल मोहाली तथा गुरूग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल सहित अन्य अग्रणी निजी अस्पतालों को सरकार के पैनल पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से 2017 के दौरान सरकार ने दिल की बीमारियों से पीडि़त कुल 615 बच्चों का ऑपरेशन करवाया हैं, जिन पर 6.5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है। इनके अलावा, दर्जनों बच्चों को उपचार के लिए अनुमति प्रदान कर दी है, जिनका शीघ्र की ही ईलाज होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन बच्चों का पता लगाने के लिए विभाग द्वारा मोबाइल स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है, जिनमें एक पुरुष एवं महिला आयुष चिकित्सक, फॉर्मासिस्ट, एएनएम शामिल कर गई हैं। यह टीम आंगनवाड़ी केन्द्रों में 6 सप्ताह से 6 वर्ष तक बच्चों तथा सरकारी या निजी स्कूलों में पढऩे वाले 6 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की जांच करती है। इसके अलावा नवजात बच्चों की जांच प्रसुति केन्द्रों पर तथा घरों में पैदा होने वाले बच्चों की जांच आशा वर्कर्स द्वारा की जाती है।श्री विज ने बताया कि वैश्विक रिपोर्टस के आधार पर प्रति एक हजार बच्चों पर 8 से 10 बच्चे दिल की बीमारियों से ग्रसित पैदा होते हैं। इन सभी बच्चों को उपचार की आवश्यकता होती है। हरियाणा में प्रतिवर्ष करीब 5.5 लाख बच्चे जन्म लेते हैं, इसलिए उक्त रिपोर्ट के आधार पर जो बच्चे प्रतिवर्ष दिल की बीमारियों के साथ जन्म लेते हैं, उन सभी की पहचान और उपचार के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है। इस कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए अभिभावकों को संबंधित जिला अस्पतालों में स्थित जिला प्रारम्भिक हस्तक्षेप केन्द्रों पर सम्पर्क करना चाहिए। इन केन्द्रों पर अभिभावकों को उचित मार्गदर्शन एवं नि:शुल्क उपचार के विषय में जानकारी दी जाएगी।