फरीदाबाद। शहर में फरीदाबाद लेडित क्लब की चर्चा चरम पर है। विवाद तिरंगे के अपमान को लेकर है। एक न्यूज पोर्टल में प्रकाशित खबर में जांच तक की बात कही गई है। हांलाकि अभी तक इस बात का सज्ञ्ंाान किसी भी अधिकारियों द्वारा नही लिया गया है जबकि यह विवाद देश भक्ति के साथ जोड कर देखा जा रहा है। बताया यह भी गया है कि कार्यक्रम में भाजपा की नेत्रिया भी मौजूद थी उसके बावजूद भी उन्होने तिरंगे के अपमान को सहज रूप में ले लिया। मामला स्वतत्रंता दिवस और जन्माष्ठमी को लेकर फरीदाबाद लेडित क्लब द्वारा किए गए कार्यक्रम में देश के तिरंगे का अपमान को लेकर है। न्यूज पोर्टल में प्रकाशित खबर के मुताबिक कार्यक्रम को बेशक स्वतत्रंता दिवस और जन्माष्ठमी का नाम दिया गया था परन्तु वहा दरअसल किट्टी पार्टी चल रही थी और उस माहौल में देश के तिरंगे का अपमान क्लब वाले देख ही नही पाए। प्रकाशित खबर के माध्यम से मांग की गई है कि यह मामला देश के स्वाभिमान से जुडा हुआ है इसलिए इसकी गम्भीर तौर पर जांच की जानी चाहिए कि कार्यक्रम को आखिर क्यों कि_ी पार्टी का स्वरूप दिया गया था । और भाजपा नेत्रियों के साथ-साथ फरीदाबाद लेडिज क्लब की संस्थापक की उपस्थिती में देश के तिंरगे देश को जिस तरह से पेड के सहारे लटका कर उसकी स्थिती को झुकाया गया वह जांच का विषय है। अगर बात की जाए देश के सविंधान की तो तिरंगा सदैव से उच्च स्थिती में लहराना चाहिए क्योकि माना यह जाता है कि तिरंगा तभी ही झुकाया जाता है जब देश शोक की स्थिती में हो। न्यूज पोर्टल में प्रकाशित खबर मे झुके तिरंगे केा देश और नागरिकों का अपमान बताया गया है क्योकि आजादी सभी के लिए पर्व है और यहा उसे दुखमय स्थिती से जोड दिया गया। अब बात की जाए जांच की तो इस बात की जांच अवश्य होनी चाहिए कि आखिरकार इस तरह की मंशा के पीछे कारण क्या रहा और यदि वह लापरवाही थी तो इसका दोषी कौन है वह भाजपा नेत्रिया जो इस कार्यक्रम में उपस्थित थी या फिर क्लब की संस्थापक जिनकी देखरेख में तिंरगे झंडे को इस अपमानित तरीके लगाया गया। यदि खबर की गम्भीरता को देख जाए तो यह चिंता का विषय है कि देश के तिरंगे का अपमान बहुत निंनदीय है और दोषियों के इसकी सजा अवश्य मिलनी चाहिए। छपी खबर में फरीदाबाद लेडिज क्लब की संस्थापक का बयान भी प्रकाशित किया गया था जिसमे बताया गया है कि तिंरगे का अपमान करने की कोई भी मंशा नही थी बस व्यवस्था होने की वजह से पेट की टहनियों से इसे टाक दिया गया तथा हवाओं के दवाब में तिरंगा एक ओर झुक गया। खैर जो भी हो किसी भी प्रकार की लापरवाही देश के सविधान और तिरंगे झंडे से बडी नही हो सकती जबकि वहा भाजपा की नेत्रियों के साथ क्लब की संस्थापक वहा मौजूद थी। इसलिए यह मामला जांच का तो बनता ही है कि आखिरकार दोषी कौन है।