NEW DELHI/FARIDABAD( STANDRARD NEWS ON LINE NEWS PORTAL/MANOJ BHARDWAJ)… देश के सबसे अधिक ग्राहकों का सामना करने वाला संगठन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (इंडियनऑयल) ने साल 2018 को ‘भरोसे का साल’ के तौर पर अपनाया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) से लेकर पेट्रोल और डीज़ल के दाम को प्रति दिन तय करने और वास्तविक कार्यावन्यन की तारीख से दो साल पहले 1 अप्रैल, 2018 तक दिल्ली को बीएस-VIईंधन की आपूर्ति का निर्णय कुछ ऐसी उदाहरण हैं, जहाँ नीति निर्माताओं ने इंडियनऑयल की आपूर्ति क्षमता पर विश्वास किया है। साल 2018 के लिए कॉर्पोरेट थीम का उद्घाटन करते हुए इंडियनऑयल के अध्यक्ष, श्री. संजीव सिंह ने कहा,“साल 2018 को ‘भरोसे का साल’ के तौर पर मानना, कंपनी और संगठन के रूप में अपनी क्षमता और एकता को बढ़ाकर अपने ग्राहकों और हिस्सेदारों के बीच विश्वास को बनाए रखने के लिए एक अनोखा अवसर है।” उन्होंने आगे कहा,“टीम और संगठन के रूप में अंतर्निहित शक्तियों के समर्थन के द्वारा अपनी आपूर्ति शृंखला के ऊपर भरोसा पैदा करना एक विशाल प्रोजक्ट होगा।”47,000 से अधिक कस्टमर टच पॉइन्ट के माध्यम से हर दूसरा भारतीय प्रत्येक सेकेंड इंडियनऑयल के कर्मचारियों, चैनल पार्टनरों और उनके टीम के सदस्यों की सेवा पाता है। श्री. संजीव सिंह ने कहा,“इनमें से, हमारे मूलभूत मूल्य हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं, विश्वास हमारी संगठनात्मक संस्कृति का मूल तत्व और सक्रिय डीएनए है।”यह निर्णय, कॉर्पोरेट कोर वैल्यूज़ को औपचारिक रूप से मान्यता देने के दस साल पूरा करने के अवसर पर इंडियनऑयल के कॉर्पोरेट मूल्यों— देखभाल, नवोन्मेष, जोश और भरोसा आधारित कैलेंडर ईयर के तौर पर स्वीकार करने की 2016 में शुरू की गई परंपरा का अनुकरण करता है। साल 2016 को ‘मूलभूत मूल्यों का साल’, जबकि साल 2017 को “नवोन्मेष एवं तकनीक का साल’’के तौर पर मनाया गया। बड़ी मात्रा में स्टोरेज टर्मिनल्स और फ़्युएल स्टेशन के लिए रिफ़ाईनरीज़ और पाइपलाइन नेटवर्क से शुरू करके ग्राहकों के लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजी, ई-पोर्टल को स्वीकार करने के साथ-साथ एसएपी के सक्षम उपयोग के परिणामस्वरूप हमारी क्षमता का विस्तार हुआ है। अब ग्राहकों के साथ नज़दीकी से जुड़ने के लिए पूर्ण विकसित सीआरएम (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) समाधान का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इंडियनऑयल ने अपने स्टार्ट-अप फंड के सहयोग से साल 2017 में 11 नवीन अनुसंधान प्रस्तावों का चयन किया है।साल 2018 को ‘भरोसे का साल’ के तौर पर स्वीकार करने का प्रस्ताव विशेषकर एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि नवम्बर 2017 में आयोजित सीओपी-23 बॉन्नशिखर सम्मेलन में भारत ने फ्रान्स और चीन के साथ लो-कार्बन सतत भविष्य की चुनौतियों के लिए हुई संधि का हिस्सा बनना स्वीकार किया है। अपनी प्रतिबद्धता के साथ तालमेल बैठाने के लिए भारत के लिए भविष्य की ऊर्जा खपतों में प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना होगा। इस क्षेत्र का नेतृत्वकर्ता होने के कारण इंडियन ऑयल आने वाले सालों में एक बार फिर इस राष्ट्रीय एजेंडा का नेतृत्व करेगा।