फरीदाबा। लंबित भुगतान, आर्डर की कमी, श्रमिकों की अनुपलब्धता और एमएसएमई सैक्टर के लिये सरकार की योजनाओं के बावजूद नगदी की कमी ऐसी समस्याएं हैं जो इस क्षेत्र के लिये वर्तमान परिवेश में परेशानी का सबब बनी हुई हैं। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा ने यहां एसोसिएशन के सदस्यों के साथ आयोजित जूम मींटिंग उपरांत यह जानकारी देते हुए कहा कि सदस्यों ने जो समस्याएं रखीं हैं उनके समाधान के लिये प्रभावी तौर पर कदम उठाए जाने जरूरी हैं। श्री मल्होत्रा ने बताया कि सभी सदस्यों ने उद्योगों में उत्पादकता व राजस्व के साथ-साथ उत्पादकता की लागत में बढ़ौतरी तथा सरकार की नीतियों व योजनाओं के बावजूद प्रभावी रूप से सहायता न मिलने की बात मींटिंग में कही। श्री मल्होत्रा ने कहा कि सरकार को सोशल वर्डन जिनमें प्रोविडेेंट फंड व ईएसआई शामिल है, के योगदान में उद्योग प्रबंधकों की सहायता करनी चाहिए और 10 प्रतिशत पीएफ तथा 3 प्रतिशत ईएसआई संबंधी कटौती को अगले दो वर्षों तक जारी रखा जाना चाहिए। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इसके साथ-साथ मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों की मांग के अनुरूप नीतिगत फैसले करने का भी आग्रह किया है जिनमें बीएस-4 नामर्स को आटोमोबाइल क्षेत्र के लिये एक वर्ष तक जारी रखने को भी शामिल किया गया है। बैठक में श्री मनप्रीत सिंह ने इस बात को प्रभावी रूप से रखा। इसके साथ ही सदस्यों ने रीयल एस्टेट के लिये विशेष राहत देने, स्टाम्प ड्यूटी में कमी लाने का भी आग्रह किया जिससे स्टील व सीमेंट उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। श्री एस के बत्तरा व श्री विजय आर राघवन ने एमएसएमई मंत्रालय से आग्रह किया कि वे नोटिफिकेशन्स पर स्थिति को स्पष्ट करें। कहा गया कि नोटिफिकेशन के अनुसार एमएसएमई की नई परिभाषा ने टर्नओवर व निवेश को शामिल किया गया है, ऐसे में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाने चाहिएं। इसके साथ ही जीएसटी, टीडीएस, टीसीएस, आईटीआर की दरों को कम करने का भी आग्रह किया गया। श्री एम पी रूंगटा ने कहा कि उद्योग वर्तमान में कड़ी चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं ऐसे में सरकार को इस लंबे समय तक चलने वाली लड़ाई में अपना सहयोग देना चाहिए। श्री अरजीत सिंह चावला ने कोविड -19 से संबधित सामाजिक कार्यों तथा अन्य प्रोजैक्टों के लिए डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा की मुक्तकंठ से सराहना की। सिडबी के उप महाप्रबंंधक श्री पी एस मनोज ने सिडबी की कई योजनाओं की जानकारी देते बताया कि सेफ स्कीम फॉर कोविड-19 के तहत 5 प्रतिशत ब्याज पर तथा बिना कोलैक्ट्रल सिक्योरिटी केएमएसएमई सैक्टर द्वारा 8 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लिया जा सकता है। एडवोकेट जितेंद्र गुप्ता ने लॉकडाउन के समय वेतन व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत के संबंध में जानकारी दी. श्री मल्होत्रा ने उद्योग प्रबंधकों से आह्वान किया कि वे अपने आस-पास तथा औद्योगिक संस्थानों में कोविड-19 से संबंधित सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दें। आपने डीएलएफ फरीदाबाद तथा हरियाणा में बाय लोकल एंड सैल लोकल के सिद्धांत के अनुरूप काम करने तथा लंबित भुगतान के लिये विशेष रूप से एमएसएमई मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया।