अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्र अब डीयू का मूल्यांकन करेंगे। इस संबंध में एक फीड बैक फॉर्म डीयू के सभी विभागों द्वारा छात्रों को दिया जाएगा जिसमें विभिन्न कॉलमों को उन्हें भरना होगा। पहले इसमें सीधे शिक्षकों के मूल्यांकन की भी बात थी, लेकिन विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया। अब इसमें अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षकों के मूल्यांकन की बात कही गई है। दो मई से पहले छात्रों से फीडबैक प्राप्त कर लिया जाएगा।
डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) जब किसी विश्वविद्याल को ग्रेड देती है तो वह छात्रों से मिले फीडबैक का भी मूल्यांकन करती है। हालांकि, वह अपनी तरफ से कोई फीडबैक फॉर्म छात्रों से नहीं भरवाती है।
छात्रों को दिए जाने वाले इस फॉर्म में न तो वह अपना नाम और न ही किसी शिक्षक का नाम भरेंगे। जो पाठ्यक्रम में है उसका कंटेंट कैसा है, उसमें से कितना पढ़ाया गया है, पढ़ाने के लिए क्या विधि प्रयोग की गई है, शिक्षक और छात्रों के बीच कितना संपर्क है, पाठ्यक्रम कितना प्रयोगात्मक है और कितना सैद्धांतिक, पूरी पढ़ाई के दौरान छात्र का क्या अनुभव है, विश्वविद्यालय में ऑनलाइन रिसोर्स कितना है, शोध के लिए कैसा माहौल है, कैंपस में खाने-पीने, खेलने और हॉस्टल की सुविधा कैसी है इस संबंध में छात्रों से पूछा गया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों व विभाग के कर्मचारियों का छात्रों के साथ कैसा व्यवहार रहता है इसके बारे में भी पूछा गया है।
अंकों में अनुभव बयां करेंगे छात्र
इस फीडबैक फॉर्म में अनुभव के आधार पर छात्र अंक देंगे। औसत से कम को 1 अंक, औसत को 2 अंक, अच्छा को 3 अंक, बहुत अच्छा को 4 अंक और बेहतरीन के लिए 5 अंक देना होगा। फीड बैक फॉर्म में दो अन्य कॉलम नहीं जानता और योग्य नहीं हूं का भी होगा।
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