फरीदाबाद।34वें सूरजकुंड मेले में विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। मुख्य चौपाल के बाई तरफ लगाई गई मेले की थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश गैलरी में स्थित एक स्टॉल लगी है। जहां आपको वैस्ट मैटेरियल से निर्मित सजावटी वस्तुएं तथा कुल्लू के विश्व प्रसिद्घ परिधान आपको उचित दामों पर मिल सकते हैं।कुल्लू से आई स्टॉल संचालिका अंजना शर्मा ने बताया कि उनके पास वैस्ट मैटेयिल से हस्तनिर्मित फूल, गुलदस्ते, लंच बाक्स उपलब्ध हैं। उन्होंने पुराने अखबारों से निर्मित बहुत सारी वस्तुएं बनाई हुई हैं। कुल्लू के मशहूर शॉल, स्टॉल, हिमाचली टोपी, जैकेट सहित हाथ की दस्तकारी का बेहतरीन नमूना मैक्रम का शीशा भी पर्यटकों को वह बेच रही है।अंजना शर्मा ने बताया कि वे कुल्लू में स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। इस समूह के द्वारा वह सौ से अधिक लड़कियों को रोजगार दे रही हैं। अंजना लड़कियों को हस्तशिल्प कला में निपुण बनाने के लिए लगातार प्रयारत है। इसके लिए वह नि:शुल्क प्रशिक्षण देती हैं। उन्होंने कहा कि घर में कोई चीज बेकार नहीं होती। आप में कला है तो किसी बेकार वस्तु को सुंदर रूप दिया जा सकता है। अंजना के अनुसार लड़कियों को घरेलू कुटीर उद्योग का प्रशिक्षण देने की सरकारी स्तर पर व्यवस्था हो जाए तो देश की हजारों-लाखों महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार मिल सकता है।