कैथल। कहते हैं पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती। और अगर पढ़ने के इरादे मजबूत हों तो शिक्षा से जुड़े संघर्षों का मजा दोगुना हो जाता है। ऐसा ही एक मामला हरियाणा में देखने को मिला है। यहां के गुहला के विधायक कुलवंत बाजीगर 38 साल की उम्र में पढ़ाई का सपना पूरा करने निकल पड़े हैं।
कुलवंत इस साल 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि विधायक जी परीक्षा की तैयारी के लिए अपने बेटे से ही ट्यूशन लेते हैं। जानकारी के मुताबिक विधायक जी सभी पेपर दे चुके हैं और आज उनका अंतिम पेपर है। पेपर फिजिकल एजूकेशन का है जिसे वो और विषयों से थोड़ा आसान मानते हैं। अब गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मिलेगा निशुल्क दाखिला
इस उम्र में आकर पढ़ाई की सोचने की बात पर विधायक कुलवंत का कहना है कि पढ़ने लिखने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने कहा कि अनपढ़ आदमी की कहीं कोई कद्र नहीं है। राजनीति में तो बिल्कुल नहीं। कुलवंत ने कहा कि अनपढ़ को सियासत में कोई भाव नहीं देता। फिर रोज नई-नई योजनाएं। नई-नई बातें। खुद की समझ में आएंगी तभी तो लोगों को बता पाएंगे।
बेटे ने भी दी है इसी साल 12वीं की परीक्षा आपको जानकर हैरानी होगी कि कुलवंत सिंह के बड़े बेटे साहिब सिंह ने भी इसी साल सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा दी है। छोटे बेटे ने 10वीं का एग्जाम दिया है। कुलंवत ने कहा कि विधायक बनते ही सरकार ने लैपटॉप दिया था। मुझे चलाना नहीं आता था। जब बच्चों से सीखना शुरु किया तो समझ में आने लगा। अब मुझे फेसबुक चलाना आता है, इंटरनेट इस्तेमाल करना आता है। फिर सोचा कि जब इस उम्र में कंप्यूटर चलाना आ सकता है तो आगे की पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती। कुलवंत बाजीगर बताते हैं कि इसी प्रेरणा के चलते ओपन स्कूल से 12वीं का फार्म भर दिया।
एग्जाम देने छिप कर जाते हैं विधायक जी कुलवंज बाजीगर ने बताया कि परीक्षा देने के लिए वे छिप छिपा कर सेंटर जाते हैं। मुंह ढककर सेंटर पहुंचते थे, ताकि कोई पहचान न सके। विधायक का कहना है कि सिर्फ 12वीं पास करना ही उनका मकसद नहीं है। इसके बाद वे बीए और लॉ की डिग्री हासिल करेंगे।