फरीदाबाद : आजादी दिलाने और भारत के नवनिर्माण में हिंदु मुस्लिम एकता दुनिया में एक मिसाल है और कवि, शायर और कलाकारों का आपसी सौहार्द कायम रखने में हमेशा से योगदान रहा है। ये विचार कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने ओल्ड फरीदाबाद में हिंदु मुस्लिम एकता के संदेश के साथ आयोजित किए गए मुशायरे में व्यक्त किए । इस मुशायरे का आयोजन फरीदाबाद इंडस्ट्रियल काउंसिल ऑफ मायनॉरिटीज के द्वारा किया गया। इस मुशायरे में आरिफ सैफी, महक कैरानवी, निगहत अमरोही, रंजना हया, मीनाक्षी, चांद देवबंदी जैसे शायरों ने समां बांध दिया। सभी शायरों ने देशभक्ति और साम्प्रदायिक सौहार्द से ओतप्रोत शायरी से ये संदेश दिया कि भारत में साम्पप्रदायिकता के नाम पर कोई ताकत देश को बांट नहीं सकती । इस मौके पर विपुल गोयल ने इस मुशायरे के आयोजन के लिए फरीदाबाद इंडस्ट्रियल काउंसिल ऑफ मायनॉरिटीज की जमकर तारीफ की । उन्होने कहा कि अल्पसंख्यक उद्योगपतियों और शायरों से उन कलाकारों को भी सीख लेनी चाहिए जो देश में असहिष्णुता की बात करते हैं। विपुल गोयल ने आमिर खान और कमल हासन पर निशाना साधते हुए कहा कि देश ने इन कलाकारों को उतना ही प्यार दिया है जितना अमिताभ बच्चन को दिया है ऐसे में राजनीतिक विद्वेष की भावना से देश में डरावना माहौल बताना शर्मनाक है। विपुल गोयल ने कहा कि अगर राजनीतिक करनी है तो खुल कर करें, धार्मिक उन्माद का हौवा बनाकर देश को बदनाम ना करें। विपुल गोयल ने कहा कि क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां की जोड़ी हिदु मुस्लिम एकता की मिसाल थी जो याद दिलाती है कि धर्म से ऊपर उठकर शहीदों ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं और अब हमें मिलकर नए भारत का निर्माण करना है।इस मौके पर फरीदाबाद इंडस्ट्रियल काउंसिल ऑफ मायनॉरिटीज के प्रधान वसी मिर्जा ने कहा कि इस आयोजन के पीछे फरीदाबाद से हिंदु मुस्लिम एकता का संदेश देना उनका मकसद है क्योंकि फरीदाबाद का आपसी भाईचारा पूरे देश के लिए मिसाल है। वहीं इस संगठन के उपप्रधान शाहनवाज मसूरी ने पंखा मेले का उदाहरण देते हुए कहा कि फरीदाबाद के मुसलमान 300 साल से देवी मां का पंखा बनाते आए हैं और यहां की हिंदु मुस्लिम एकता पर कभी आंच नहीं आ सकती। वहीं इस सभी शायरों ने भी संदेश दिया कि हिंदु मुस्लिम से पहले हम सभी हिंदुस्तानी हैं। इस मौके पर मार्केट कमेट के चेयरमैन मुकेश शास्त्री, फरीदाबाद बीजेपी के मंडल अध्यक्ष प्रवीण चौधरी , रफी अहमद, शमशाद सैफी, आरिफ सैफी, नसीम मेवाती, हाजी इरफान, हाजी वकील, बतलू भाई, शाहबुद्दीन मलिक और मशकूर मंसूरी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।