कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान शुरु हो गया है। इस चरण में 62 सीटों के लिए मतदान हो रहा है, जिसमें कोलकाता की 7 विधानसभाएं भी शामिल हैं। इन सभी सीटों के लिए 34 महिलाएं सहित 418 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 1.37 करोड़ मतदाता करेंगे। बता दें कि उत्तरी कोलकाता में विवेकानंद फ्लाईओवर के गिरने की घटना भी बड़ा चुनावी मुद्दा है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
वहीं चुनाव के दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कार्यकर्ता की आज गोली मारकर हत्या कर दी गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद के दोमकल सीट के शीरोपारा क्षेत्र में माकपा के पोलिंग एजेंट ताहिदुल इस्लाम की तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से गोली मार कर हत्या कर दी। तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को रोकने के लिए वहां बम विस्फोट और गोलीबारी भी की । वहीं इस सीट से माकपा के प्रत्याशी अनिसुर रहमान ने सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं पर विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया। मुर्शिदाबाद, नादिया और बर्धमान जिलों से भी मतदान के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबर मिली है। कोलकाता के बेलगाचिया-कासीपुर और बेलियाघाट विधानसभा क्षेत्रों से मिली खबरों के मुताबिक वहां भी वाम-कांग्रेस गठबंधन के मतदाताओं ने धमकाए जाने का आरोप लगाया है ।
मुर्शिदाबाद में कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। हरिहरपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में हुई झड़प में कांग्रेस के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शुरु हो चुका है, जो कि शाम 6 बजे तक चलेगा। कुल 16461 केंद्रों पर मतदान किया जाएगा। इसमें 65,79,331 महिलाएं सहित कुल 1,37,13,594 मतदाता अपने मदाधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव आयोग ने इस चरण में 3401 क्षेत्रों को संवेदनशील चिह्नित किया है।
इस चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में टीएमसी सरकार के मंत्री सहित कई अहम लोगों की किस्मत दांव पर है। इनमें मंत्री शशि पांजा और साधन पांडे, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा, पांच बार कांग्रेस के विधायक रहे मोहम्मद सोहराब, माकपा विधायक अनिसुर रहमान और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी नजरूल इस्लाम हैं
तीसरे चरण के मतदान से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बल के 75,000जवानों सहित एक लाख सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के करीब 75,000 जवानों वाली लगभग 700 कंपनियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। इन 75,000 अर्धसैनिक बल के जवानों की सहायता के लिए 25,000 राज्य पुलिस बल के जवानों को मुस्तैद किया गया है।