फरीदाबाद। नवीकरणीय ऊर्जा महंगी है, लेकिन इसके ज्यादा प्रयोग से ही इसको सस्ता किया जा सकता है। यह शब्द जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञ डॉ. अजय माथुर ने कहें। टैरी- द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर जनरल व प्रधानमंत्री काउंसिल ऑन जलवायु परिवर्तन के सदस्य डॉ. अजय माथुर मानव रचना यूनिवर्सिटी स्थित सेंटर फोर स्मार्ट सोलर एनर्जी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्या वक्ता पहुंचे। उन्होंने स्टूडेंट्स को ऊर्जा दक्षता के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में ऊर्जा के स्त्रोतों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इन स्त्रोतों के बारे में विस्तृत में चर्चा की। उन्होंने देश में बिजली की खपत से लेकर उसके उत्पादन तक के आंकडे स्टूडेंट्स के सामने रखे। उन्होंने कहा कि बिजली के स्त्रोतों की कमी नहीं है लेकिन उसको बिजली में तब्दील करने में जो नुकसान होता है, वह बहुत ज्यादा है। डॉ. माथुर ने बिजली के प्रयोग से होने वाले नुकासनों के बारे में बताया। इन नुकासनों से बचने व जलवायु परिवर्तन पर एक अहम कदम लेने के लिए उर्जा दक्षता ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग पर फोकस किया। मुख्य वक्ता ने जलवायु परिवर्तन के नुकसानों से बचने के लिए ऊर्जा दक्षता व नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि एलईडी के प्रयोग से बिजली को बचाया जा सकता है। वहीं उन्होंने सोलर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उसके ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने को कहा। डॉ. माथुर ने कहा कि नवकीरणीय ऊर्जा महंगी है, लेकिन जब ज्यादा से ज्यादा लोग इसके प्रयोग करेंगे तो यह खुद ब खुद सस्ता हो जाएगा। उन्होंने ऊर्जा दक्षता के लिए बेहतर बिजनेस मॉडल व पॉलिसी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर बिजनेस मॉडल व पॉलिसी की मदद से ऊर्जा दक्षता के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सकता है।