फरीदाबाद। पूर्व घोषित प्रदेशव्यापी आन्दोलन के तहत 23 सब डिवीजनो के निजीकरण व कर्मियो के किये जा रहे दमन एंव उत्पीडऩ के खिलाफ आज हजारो बिजली कर्मचारियों ने शहर मे जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों बिजली कर्मचार नगर निगम सभागार में एकत्रित हुए और एनआईट एनएच-ा,फावड़ा सिंह चौक व नीलम चौक होते हुए बीके चौक पर पहुंचे।वहां पर इन कर्मचारियों ने सरकार की बातचीत न करने की हठधर्मिता व निजीकरण के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया तथा उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एम डी नितिन यादव का पुतला दहन किया। प्रदर्शन की अगुवाई हरियाण ज्वाईंट एक्शन कमेटी पॉवर के वरिष्ट सदस्य कवंर सिहं यादव व सुभाष लाम्बा कर रहे थे। प्रदर्शन में राज्य कमेटी के नेता रमेशचन्द,सतपाल नरवत,सुनील खटाना,शब्बीर अहमद गनी,अशोक कुमार,संतराम लाम्बा,मुकेश भ्याना आदि नेता हाजिर थे।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला सचिव युद्धवीर सिंह खत्री,प्रैस सचिव राजबेल देशवाल व हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रधान महेन्द्र सिंह व सचिव बलजीत तेवतिया ने भी अपने संगठनों की और से आन्दोलन का पूरजोर समर्थन किया।प्रदर्शन के दौरान भीष्ण गर्मी मे बिजली कर्मचारियों की गुस्सा व आक्रोश देखते ही बन रहा था। नेताओं ने कर्मचारियों से 29-30 जून की दो दिवसीय हड़ताल की एतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने का आहवान किया।हरियाणा ज्वाईंट एक्शन कमेटी पॉवर के वरिष्ठ सदस्य कंवर सिंह यादव व सुभाष लाम्बा ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुये कहा कि अगर 28 जून तक निजीकरण का किया फैसला वापस लेकर दमन व उत्पीडऩ की सभी प्रकार की कार्यवाहियां खत्म नही की और दस सुत्रीय मांगो का बातचीत से समाधान नही किया तो 25 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारी 29-30 जून को दो दिवसीय हड़ताल पर जाने पर मजबुर होगे। जिसके लिये सरकार व बिजली निगम प्रबंधक पूरी तरह जिम्मेदार होगे। उन्होने आरोप लगाया कि राजनीतिज्ञों व ब्यूरोक्रेसी के गठजोड़ द्वारा किये गये निजीकरण के इस निर्णय से जनता को कोई फायदा नही होगा ओर ठेकेदारों को इससे मोटा फायदा होगा। जिससे निगमों का घाटा और बढेगा तथा कुल मिलाकर बिजली की दरों में और बढ़ोतरी होगी। उन्होने कहा कि 5 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारियों की शहादत एवं जनता के खून-पसीने से खड़े किए गए बिजली विभाग की एक भी सब-डिविजन को निजी हाथों में नहीं देने दिया जाएगा। 14 जून को पंचकुला मुख्यालय व प्रदेश की सभी डिवीजनो पर हजारों पदाधिकारी व कार्यकर्ता सरकार व निगम प्रबंधको की सदबुद्धि के लिये उपवास पर बैठेगे।उन्होने कहा कि सरकार अपने थर्मलों को नो डिमाण्ड पर बन्द करवाके अदानी ग्रुप से बिजली खरीद रही है। 1400 मेगावाट के नए पावर प्लांट लगााने का प्रस्ताव पिछले एक वर्ष से रसरकार के पास लम्बित है। औरलोडिंग के कारण पावर कट लगाये जा रहें। कमेटी के नेता रमेशचन्द,सतपाल नरवत,सुनील खटाना व शब्बीर अहमद ने कहा कि 1998 में निगमीकरण के बाद लागू की गई उन नीतियों की जिसके कारण 450 करोड़ का घाटा बढक़र 34700 करोड़ को पार कर गया और 30 हजार से ज्यादा कर्जा वितरण निगमों पर चढ़ गया ।