फरीदाबाद। सुबह और दोपहर में तेज धूप के कारण त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गर्मियां शुरू होते ही शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे त्वचा और बालों संबंधी समस्याएं भी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। तेज धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। गर्मी के दिनों में लंबे समय तक धूप में काम करने या खड़े रहने से त्वचा संबंधी रोगों को बढ़ावा मिलता है। एशियन अस्पताल के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अमित बांगिया ने बताया कि पहले लोग मई में धूप के कारण होने वाली त्वचा संबंधी समस्या लेकर आते थे, लेकिन इस वर्ष अप्रैल माह की शुरूआत में ही इस समस्या के साथ अस्पताल में पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि गर्मी के दिनों में तेज धूप के संपर्क में आने से सन बर्न की समस्या आती है। इससे शरीर पर लाल थक्के बन जाते है। जो बाद में काले पडऩे लगते हैं और इनमें बहुत ज्यादा जलन होती है। लगातार धूप में रहने से पसीना आने के कारण हीट रैशेेज़ बन जाते हैं इनमें भी लगातार जलन होती है। जो लोग तैराकी करते हैं। उन्हें क्लोरीन केे पानी के कारण स्वीमर ईच का शिकार होना पड़ता है। त्वचा ही समस्या होने पर स्कीन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। इसके अलावा सन एलर्जी भी एक गंभीर समस्या है, जोकि कुछ लोगों को सूरज की किरणों से होती है। इसमें पीडि़त के शरीर पर लाल दाने या खरोंच बन जाती हैं। यह शरीर के कुछ जैसे-मुंह, पीठ, गर्दन हाथ-पैर यानि धूप के संपर्क में आने वाले भागों को प्रभावित करती हैं। गंभीर स्थिति होने पर त्वचा पर छोटे-छोटे छाले या फफोले हो जाते हैं जो पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। डॉ. बांगिया ने बताया कि इन दिनों हमारे पास रोजाना करीब 50 मरीज हीट रैश, फंगल इंफेष्ठशन, बैक्टीरियल इंफेष्ठशन और पिम्पल की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। गर्मियां शुरू होते ही शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे त्वचा और बालों संबंधी समस्याएं भी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। तेज धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। गर्मी के दिनों में लंबे समय तक धूप में काम करने या खड़े रहने से त्वचा संबंधी रोगों को बढ़ावा मिलता है। बाल कमजोर हो जाते हैं और झडऩे लगते हैं। यह समस्या ऐसे लोगों में ज्यादा पाई जाती है जो गोवा जैसी जगहों से घूमकर आए हों या समुद्री एरिया के संपर्क में रहते हों। इसके अलावा लगतार बढ़ रही तेज धूप और प्रण्ूषण के कारण यह समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया की गर्मी, सेनीटेशन, फास्टफूड, हाईजीन और पसीना साफ न होने के कारण त्वचा पर इंफेष्ठशन का खतरा बढ़ जाता है।हीट रैश से बचने के उपाय: इन समस्याओं से बचने के लिए धूप में कम से कम निकलने की कोशिश करें। अगर किसी कारण वश धूप में बाहर निकलना पड़ रहा है तो टोपी, छाता, सनगलासिस, सूती, ढ़ीले और पूरी बाजू के कपड़े पहनकर निकलना चाहिए, जो पसीना सोख सके। सन बर्न से बचने के लिए संस्क्रीन लोशन लगाकर धूप में निकलना चाहिए। हर चार घंटे के बाद या बाहर निकलने से 20 मिनट पहले संसक्रीन लोशन लगाना चाहिए। एसपीएफ 50 लोशन विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।हीट रैश से बचने के लिए स्ट्रॉंग मॉश्चराइज़र और तेल लगाकर न निकलें। इसके अलावा हैवी मेकअप का भी इस्तेमाल न करें। इससे पिम्पल भी हो सकतेे हैं। इनकी जगह कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल करें। तैराक विटामिन-सी लोशन लगाकर पानी में उतरें और पानी से बाहर निकलकर विटामिन सी वॉश से साफ करें। विटामिन-सी युक्त टैबलेट्स का सेवन करना चाहिए, जो ब्लड प्यूरीफाई करती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। थोड़ी-थोड़ी देर के बाद और जितना हो सके उतना अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। कुछ लोग केवल प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं इससे शरीर में पानी की पूर्ति नहीं हो पाती। पानी की कमी भयावह स्थिति उत्पन्न करती है। पूरे दिन में एक वयक्ति को कम सेे कम आठ गिलास पानी पीना चाहिए। शरबत, नारियल पानी, फ्रूट जूस आदि तरल पदार्थों और तरबूज, खरबूज, संतरा जैसे रसीले फलों का सेवन करना चाहिए। ठंडे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।