फरीदाबाद। आरोपयिो के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की एवज में रिश्वत मांगने की आरोपी एक महिला सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए है। मामला महिला थाने का है जहां लगभग दो माह पूर्व एक पीडिता ने अपने ससुराल वाले के खिलाफ दहेज मांगने और शारीरिक तथा मानसिक तौर पर पीडित करने की शिकायत दर्ज कवाने के लिए संपर्क साधा परन्तु वहा डयूटी महिला अधिकारी ने मुकदमा पंजीकृत की एवज में रिश्चत की मांग कर डाली। मुकदमा पंजीकृत ना किए जाने से परेशान महिला ने इसकी शिकायत डीसीपी सैट्र्रल भूपेन्द्र ंिसंह से कर दी। डीसीपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए महिला अफसर सब इसपेक्टर राजबाला को दोषी मानते हुए उन्हे निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए। पीडिता ने बताया कि एक साल पूर्व उसकी शादी रोहतक के रहने वाले नीरज के साथ हुई थी तथा उनके अभिभावक ने लगभग 20 लाख रूपये शादी में लगाई थी और हैसियत से अधिक दान भी किया था। लेकिन उसके बावजूद भी उनके ससुराल वाले की नीयत नही भरी और आए दिन उसका पति,सास,ससुर,जेठ,जेठानी के साथ उसकी नंद उसे कम दहेज लाने के लिए परेशान करने लगे। मारपीट कर उसके साथ आए दिन बदसलूकी बढती ही चली गई। इतना ही नही शादी के वक्त उसके पति ने अपने आप को इंजीनियर बताया था जिसका बाद में खुलासा हुआ कि उसने झूठ बोल कर विवाह किया था। आरोप है कि जब वह इस बात की शिकायत लेकर महिला थाने फरीदाबाद गई तो यह तैनात सब इस्पेक्टर राजबाला ने मुकदमा पंजीकृत करने की एवज में उससे लगभग 3000 रूपये रिश्वत के तौर मांग लिए। रिश्वत ना दिए जाने की सूरतेहाल में राजबाला ने उसे दो माह तक गुमराह किया तथा एफआईआर लांच नही की। इतना ही नही उसे डराधमकार उससे और उसके पिता से राजीनामें में हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में वह इस बाबत डीसीपी सैंट्रल भूपेन्द्र से मिली और उनकी शिकायत के आधार पर डीसीपी ने सब इस्पेक्टर को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर उसे लाइन हाजिर कर दिया तथा विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए।