फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक ललित नागर ने आज एक बार फिर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में तिगांव क्षेत्र के 19 गांवों के किसानों की जमीन के मुआवजे का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया। इस दौरान श्री नागर ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जहां देश का अन्नदाता किसान पिछले 60-70 दिनों से अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर आईएमटी के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहा है परंतु सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं दी जा रही है। यही नहीं तिगांव क्षेत्र के 19 गांवों के किसानों के बढ़े मुआवजे की हाईकोर्ट ने तीन साल पहले आदेश कर दिए थे, इसके बावजूद किसानों को अपनी जमीनों के मुआवजे के लिए धरने-प्रदर्शन जैसे कदम उठाने पड़ रहे है, ऐसे में सरकार का किसान हितैषी होने का दावा पूरी तरह से बेमानी बनकर रह गया है। विधायक ललित नागर के इस प्रश्र के जवाब मेें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि तिगांव विधानसभा क्षेत्र के 19 गांवों की 1647.20 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी तथा असल अवार्ड की अदायगी भूमि मालिकों को की जा चुकी है। रेफरन्स कोर्ट में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा बढ़ाए गए मुआवजे की कुल 882.63 करोड़ रुपए की राशि में से 209.78 करोड़ रुपए की राशि भूमि मालिकों को अदा की जा चुकी है। रेफरन्स कोर्ट के आदेशों के विरुद्ध भूमि मालिकों तथा राज्य सरकार द्वारा फाईल की गई अपीलें माननीय उच्च न्यायालय में अंतिम निर्णय के लिए अभी तक लंबित है। बढ़े हुए मुआवजे की बकाया राशि की अदायगी माननीय उच्च न्यायालय में इन केसों के अंतिम निर्णय के बाद की जाएगी। वहीं विधायक ललित नागर तिगांव हल्के के 17 गांव दयालपुर उपतहसील में लगाए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि यह सारे गांव तिगांव क्षेत्र के चारों ओर आते है और ग्रामीणों को अपने सरकारी कार्याे के लिए दयालपुर जाने के लिए 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनके समय की बर्बादी होती है इसलिए इन गांवों को तिगांव तहसील में जोड़ा जाए। इस प्रश्र के जवाब में वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है और यह फिलहाल संभव नही है। यह मामला सदन के संज्ञान में लाया गया है, इस पर विचार किया जाएगा।