फरीदाबाद ।अगर हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के खात्मे के प्रति अपने वादे पर अडिग है तो तहसील में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले फरीदाबाद सेक्टर 12 और बड़खल के तहसीलदार को तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर का जिन्होंने सोमवार को दोनों तहसीलों में छापा मारा। तहसील के अंदर पाराशर ने जैसे ही प्रवेश किया वहाँ हड़कंप मच गया। दोनों तहसीलों में तहसीलदार नहीं थे और रजिस्ट्रियां हो रहीं थीं। तहसीलदार कहीं बाहर से बैठकर रजिस्ट्रियों पर हस्ताक्षर कर रहे थे। वकील पाराशर ने बताया कि मैंने बड़खल की तहसील का निरीक्षण किया तो वहाँ तहसीलदार गायब थे। मैं वहाँ के दफ्तर में बैठे एक बड़े तहसीलदार विकास कुमार से बात किया तो पहले तो वो भड़क गए और मेरे साथ गए मीडिया वालों से फोटो खींचने के लिए मना करने लगे। वकील पाराशर ने बताया कि मैंने उन अधिकारी महोदय को समझाया कि मैं एक संस्था चलाता हूँ और फरीदाबाद कोर्ट का वकील हूँ तो उनके हाव भाव बदल गए। पाराशर के मुताबिक़ उनके एक साथी के गुप्त कमरे में उस अधिकारी की गुफ्तगू कैद हो गई है जिसमे वो साफ़ कबूल कर रहा है कि तहसील में गड़बड़ी होती है लेकिन अब नहीं होगी। वकील पाराशर ने उस अधिकारी विकास कुमार और वहाँ के तहसीलदार को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मैं वो वीडियो हरियाणा के सीएम, विजेलिन्स विभाग के अधिकारी के पास भेज रहा हूँ। उन्होंने कहा कि एक बड़ा अधिकारी खुद कबूल कर रहा है कि वहां गड़बड़झाला जारी है तो भ्रष्टाचार का इससे बड़ा उदाहरण कोई ही नहीं सकता। वकील पाराशर ने बताया कि बड़खल में आज मैंने देखा 57 कागजात पर नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर ने जबकि नायब तहसीलदार वहाँ नहीं था। पाराशर के मुताबिक़ उन्होंने सुबह साढ़े नौ बजे बड़खल की तहसील का दौरा किया तब भी नायब तहसीलदार गायब था और जब दोपहर एक बड़े वहाँ दौरा किया तब भी वो वहां नहीं नहीं। बताया गया कि वो कहीं और से कागजात पर हस्ताक्षर करता है और कोई विचौलिया कागजात ले जाता है और उसके हस्ताक्षर करवा कर लाता है। वकील पाराशर ने बताया कि तहसीलदार या नायब तहसीलदार को अपने दफ्तर में बैठकर हस्ताक्षर करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। वो किसी होटल या डीलर के घर बैठ कागजों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और वहीं से रिश्वतखोरी जारी है। वकील पाराशर ने बताया कि फरीदाबाद की सेक्टर 12 तहसील में भी ऐसा देखा गया। तहसीलदार गायब था और रजिस्ट्रियां हो रहीं थीं। वहाँ पूंछने पर बताया गया कि तहसीलदार साहब की ड्यूटी बल्लबगढ़ में भी है। वकील पाराशर ने बताया कि इन दोनों तहसीलों में बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है। इन दोनों तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के फोन की जांच करवाई जाए और इनकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए। पाराशर ने कहा कि हरियाणा सरकार इनकी जांच करवायएगी तो बड़ी रिश्वतखोरी सामने आएगी। उन्होंने मांग की कि इन दोनों तहसीलदारों को तुरंत सस्पेंड किया जाये।