आरोपों को पूर्व पाषर्द ने किया एकसिरे से खारिज
फरीदाबाद। निगम पूर्व पार्षद पर जान से मारने एंव जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया हैं। हांलाकि पूर्व पार्षद ने सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया हैं। मामला एनआईटी-5 का हैं जहां के निवासी पिशोरी लाल के पुत्र दीपक सचदेवा ने पुलिस आयुक्त फरीदाबाद को लिखित तौर पर शिकायत देकर पूर्व पार्षद नरेश गौसाई पर सीधे तौर पर उन्हे जाने से मारने एंव उनकी एक जमीन पर जबरन करने की बात कही गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गत् 24 जुलाई 2017 को साय लगभग 7 बजे के आसपास जब वह बाजार अपने कुछ काम से जा रहे थे तो पूर्व पार्षद नेरश गौसाई ने उन्हे रोक लिया और उन पर पिस्तौल तानकर जान से मारने की धमकी थी। बताया गया है कि 5 डी/105 का पिछला हिस्सा उनके द्वारा पांच साल पूर्व खरीदा गया था ,जिसे लेकर उनका उस प्लाट पर मालिकाना हक को लेकर एनआईटी-5 निवासी प्रदीप मल्होत्रा से अदालत में केस चल रहा है। बस विवाद यही से शुरू हो गया और जब वह बाजार में किसी काम से आए हुए थे तो नरेश गौसाई ने उन्हे धमकाना शुरू कर दिया कि इस प्लाट पर उनका 25 पैसे का अधिकार है इसलिए वह इस प्लाट पर अपना मालिकाना हक छोड दे अन्यथा वह उसे जान से मार देगा। बकायदा पिस्तौल से धमकाने के बाद उन्होने फोन कर अपने गुर्गो को वहा पीटने के लिए बुलाया जिसे देखकर मै वहा से अपनी जान बचाने के लिए भाग खडा हुआ अन्यथा वह सभी मुझे पीट कर जान से मार देते। इतना ही नही पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत में यह भी आरोप मढा गया है कि जब इसकी सूचना उन्होने 100 नम्बर पर दी तो पुलिस मौके पर तो पहुच गई पर सबंधित थाना जो कि एनआईटी को उन्होने कोई भी इसके खिलाफ कार्रवाही करी। जिससे क्षृब्द होकर उन्होने पुलिस आयुक्त कार्यलय पर अपनी शिकायत को पंजीकृत किया है। वही पूर्व पार्षद नरेश गौसाई ने सभी आरापों को एक सिरे से खारिज करते हुए बताया कि उन पर लगाए गए सभी आरोपी बेबुनियाद है और जो लोग आरोप लगा रहे वह स्वंय असामाजिक गतिविधियों में सलिंप्त रहे है तथा उनका यही काम है कि समाज के प्रतिष्ठत व्यक्तिओं पर आरोप लगा कर किस तरह से उनकी छवि को धूमिल किया जाए।