फरीदाबाद। कुछ बीमारियां तो कुदरत देती है, पर कुछ बीमािरयां हम आदतों से अपना लेते हैं। गलत जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियां हैं डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा। मोटापा किडऩी के लिए घातक है। इसलिए इस वर्ष वल्र्ड किड़्नी डे की थीम मोटापा ही है। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र कुमार के अनुसार इस वर्ष इंटरनेशनल किडऩी सोसायटी ने भी मोटापे को किडऩी रोग के लिए बहुत बड़ा खतरा माना है। मोटापे से किडऩी की नई बीमारियां भी होती हैं। और जो लोग पहले से किडऩी रोग के शिकार हैं। उनकी बीमारी को और भी खराब कर देता है। इसलिए मोटापे की महामारी से बचने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें किडऩी की नियमित जांच कराते रहना चाहिए। अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो आपको अपने बीएमआई को नियमित रूप से मापना चाहिए। बीएमआई अधिक वज़न होना अपने आप में एक समस्या है। इसलिए इसे नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है।बीएमआई यानि बॉडी मास, जिसका आंकलन बहुत सरल विधि से कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ वजन और ऊंचाई की जरूरत होती है। डॉ. जितेंद्र ने बताया कि अब तक लोगों की यह धारणा थी कि मोटापे से डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप और हृदय से संबंधित समस्या ही होती है, लेकिन शोध में पाया गया है कि अगर किसी व्यक्ति का वजन अधिक है, तो आगे चलकर किडऩी की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसा कि हम जानते है कि किडऩी रोग एक साइलंट रोग है। इसलिए मोटापे से बचने के लिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए।
बचाव के उपाय:-मोटापे से बचने के लिए उचित मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित व्यायाम करना चाहिए। योग व प्राणायाम पूरे शरीर के लिए लाभदायक है। जंक-फूड और फास्ट फूड के सेवन से बचना चाहिए। संतुलित और घर पर बने खाने का सेवन करना चाहिए। नाश्ता अच्छा करें, परंतु डिनर कम लेना चाहिए। खाना खाने के बाद सैर जरूर करनी चाहिए। खाने के बाद तुरंत न सोएं।
किडऩी रोग से बचाव के उपाय: शराब, धूम्रपान व तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए। दर्द निवारक दवाओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।अगर परिवार में कोई डायबिटीज, उच्च रक्तचाप अथवा किडऩी रोग से पीडि़त हैं तो नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। ताकि समय से पहले किडऩी की बीमारी का पता लगाकर उसका उचित उपचार किया जा सके।