फरीदाबाद. / कांग्रेस ने टिकिट बदलकर अवतार भडना को सुपुर्द कर दी. नमाकन भी कर दिया गया पर प्रश्न जो आज भी विचारो पर् भारी प्रतीत होता है कि क्या कृष्ण का तिल्सम तोड़ पायागे अवतार… क्योकि बीजेपी से सांसद का चुनाव लड़ रहे कृष्णपाल गुज्जर ने मोदी नाम केचक्रव्यू की रचना जो की हुई है उसे भेदना इतना आसान नहीं होगा. इतना ही नहीं उन्हे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराज़गी के दोहरी मार भी झेलनी पड़ सकती है.. जितना विरोध ललित नागर को टिकिट दिए जाने को लेकर था. उससे कही ज्यादा विरोध अवतार भडना का रहा है. परन्तु सब बातो को दरकिनार कर प्रियंका गांधी की सिफारिश पर उन्हे टिकिट दे दिया गया.. जिस तरहा के हालात दिखाई दे रहे हैं उससे साफ तोर पर् इस बात के संकेत दिखाई दे रहे हैं कि भीतरी घात की पूरी संभावना बनी हुई है.. बेशक भारतीय जनता पार्टी के सांसद उम्मीदवार कृष्णपाल का भी विरोध पार्टी के भीतर और बाहर जम कर हुआ पर उसके बावजूद उनके पास मोदी नाम का संवेदनशील राजनीतिक धूर्विकरण है जो जनता को उनके प्रति सभी नाराज़गी को भुलाने मे सहायक होगा.. अब देखने का विषय यह है कि क्या अवतार भडना मोदी का तिल्सम तोड़ पायागे और अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओ की नाराज़गी दूर करने मे सफलता हासिल करने मे कामयाब हो पाते हैं कि नही..