पत्रकार पूजा तिवारी आत्महत्या मामलें में है आरोपी
फरीदाबाद। पत्रकार पूजा तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद इंस्पेक्टर अमित कुमार की जमानत याचिका शुक्रवार को अदालत ने खारिज कर दी। सरकारी वकील ने दलील दी थी कि अभी तक पुलिस की जांच पूर्ण नही हुई हैं और मामलें में रिर्पोट आना बाकी है। साथ ही अदालत के समक्ष सरकारी वकील ने मृतिका की रक्त जांच भी पेश की जिसमें पाया गया था कि पूजा के मृत शरीर में 46 प्रतिशत बीएसी है। वही पूजा तिवारी के परिजनों की ओर से अदालत में पेश हुए वकील प्रत्युष वशिष्ट ने भी इंस्पेक्टर अमित कुमार की जमानत का यह कहकर कड़ा विरोध जताया कि वह खुद पुलिस विभाग में वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर है और यदि उनको जमानत दी जायेगी तो वह इस केस को प्रभावित अवश्य करेगे। इसलिए जब तक पुलिस जांच किसी भी नतीजे पर नही पहुचती है ,जमानत ना दी जाए। हांलाकि बचाव पक्ष के वकील संजीव राव ने अदालत में तर्क रखा था पंजीकृत मुकदमें में कही भी अमित का ना नही है और इतना ही नही बलिक सुसाइड नोट में भी उनके नाम का उल्लेख नही किया गया है। जबकि इंस्पेक्टर अमित को गिरफ्तार हुए पचास दिन से अधिक हो चुका है। इसलिए जमानत पर उनका अधिकार जायज बनता है। विदित हो कि इंस्पेक्टर अमित कुमार और मृतिका पूजा तिवारी काफी गहरे मित्र थे। घटनाक्रम के दौरान अमित कुमार एंव मृतिका की एक महिला मित्र आमरीन सेक्टर-46 स्थित सदभावना अपार्टमेंट में साथ ही थे। अमित का दावा था कि अधिक शराब सेवन करने के बाद एकाएक पूजा ने अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल से छलाग लगाकर खुदकुशी कर ली। पर अब जब सरकारी वकील द्वारा अदालत में पेश की गई मृतिका के रक्त जांच रिर्पोट में शराब की मात्रा जो 46 फीसदी बीएसी बताया गया है। तो यह संशय की स्थिती उजागर कर रहा है। क्योकि बताया गया है कि यह मात्रा किसी भी व्यक्ति को बेहोश करने के लिए सक्षम है। कयास यह भी लगाए जा रहे है कि कही अमित ने स्वंय पूजा तिवारी को शराब पिलाकर बेहोश तो नही कर दिया था ताकि वह उसे आसानी से अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल से फेंक सके। वही पुलिस भी इस मामलें करे लेकर काफी गम्भीर दिखाई दे रही है। इस मामलें के प्रत्येक पहलु की बारिकियों में मृतिका की कद काठी का पुतला बनवा रही है ताकि जांच में कोई कसर ना रह जाए। जानकारी हो कि गुरूवार को इंस्पेक्टर अमित कुमार ने अदालत में जमानत याचिका की अर्जी दाखिल की थी,जिसकी सुनवाई अदालत ने शुक्रवार को रखी थी। बहस करने के बाद अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि वेब पोर्टल की पत्रकार पूजा तिवारी पर एक डा.दंपति को ब्लेकमैल करने को लेकर एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था। इस मामले की जांच अभी चल ही रही थी कि सेक्टर -46 सदभावना अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल से गिरकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। जिसे लेकर शुरूआती दौर में पूजा के अभिभावकों ने डा.दंपति पर पूजा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था पर हालात उस वक्त बदल गए जब उनका पारिवारिक मित्र इंस्पेक्टर अमित कुमार और पूजा तिवारी का एक ऑडियों वायरल हो गया जिसमें उन दोनो की नजदीकिया जगजाहिर हो गई। वायरल ऑडियों में अमित कुमार और मृतिका पूजा तिवारी में जमकर बहसबाजी हो रही थी। इस ऑडियों को सुनने के बाद पूजा तिवारी के अभिभावकों ने अमित कुमार की सच्चाई पर सवालिए निशान खडे कर दिए और उसे भी इस मामले में आरोपी बना दिया। पुलिस जांच में आरोपी अमित कुमार को तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया । हांलाकि अपने बचाव में उसने पूजा का सुसाइड नोट मामले की जांच कर रहे एसीपी को सौंप दिया था। जिसकी जांच में यह तो प्रमाणित हो गया कि यह पत्र स्वंय पूजा ने लिखा था परन्तु पत्र मामलें पुलिस अभी कुछ पुख्ता सबूत और जुटाना चाहती है। इस प्रकरण में अमित कुमार पर पूजा की एक मुंहबोली भाभी ने भी मौत का आरोप लगाया था। वही पुलिस की जांच अभी शेष है इसलिए इंस्पेक्टर अमित कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।