Manoj Bhardwaj
फरीदाबाद। सूरजकुंड रोड पर डिलाईट अरावली व्यू के नाम से मैरिज गार्डन का निर्माण कर रहे होटल डिलाईट के डायरेक्टर जितेंद्र (बंटी )भाटिया ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि वह किसी भी नियम व कायदे कानून का उल्लघंन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग उनके मैरिज गार्डन के निर्माण को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। जोकि मनघंडत एवं उनके खिलाफ साजिश के तहत किया जा रहा है। श्री भाटिया ने कहा कि ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए वह उन्हें दो-दो करोड़ रुपए की मानहानि के नोटिस भेज रहे हैं और कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से डिलाईट अरावली व्यू के निर्माण में अडंगा लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें कुछ लोग उनके प्रतिदंद्धी भी हैं, जोकि नहीं चाहते कि डिलाईट गु्रप फरीदाबाद शहर का नाम रोशन करें। बंटी भाटिया ने बताया कि सूरजकुंड रोड पर मैरिज गार्डन का निर्माण आंरभ करने से पहले उन्होंने वन विभाग की अनुमति ली है। भारत सरकार के वन मंत्रालय से उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद ही डिलाईट अरावली व्यू गार्डन मैरिज पैलेस बनाने की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत उन्हें वन विभाग से एक निश्चित संख्या में पेड़ पौधे लगाने की शर्त पर शुल्क की अदायगी करने के बाद ही सरकार से एनओसी मिली है। वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद उनके द्वारा भूमि परिर्वतन नियम के अंतर्गत एलओआई के लिए आवेदन किया गया था। सरकार के तमाम नियम, कानून एवं शर्तों की पालना करने के बाद उन्हें एलओआई का फाईनल लैटर मिल पाया है। एलओआई लेटर मिलने के बाद उनके द्वारा प्रदूषण विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कि अपने बिल्डिंग प्लान को स्वीकृत करवाने के लिए नगर निगम में दाखिल किया। लंबी व कई सालों की मेहनत के बाद उनका बिल्डिंग प्लान स्वीकृत हुआ है। ये सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के साथ साथ उन्होंने डिस्पोल ऑफ अर्थ नियम के अंतर्गत सरकार को निर्धारित रॉयल्टी भी अदा की है। ये सभी नियम व कायदे कानूनों की लंबी प्रक्रिया के बाद सरकार के सभी विभागों से उन्हें स्वीकृति मिली है। इन सभी स्वीकृति के बाद ही उनके द्वारा डिलाईट अरावली व्यू मैरिज गार्डन का निर्माण आंरभ किया है। बंटी भाटिया ने बताया कि कुछ लोग डिलाईट गार्डन के नाम से आरटीआई लगाकर विभाग से एनओसी के संदर्भ में सवाल जवाब कर रहे हैं, उन सभी लोगों को यह भी बताया जाता है कि डिलाईट गार्डन के नाम से ऐसी कोई सरकारी स्वीकृति उनके पास नहीं है, बल्कि मेरी माताजी श्रीमति राजकुमारी भाटिया के नाम से उनके पास संबंधित भूमि की सरकारी मंजूरी हैं। मेरी माताजी ही इस जमीन की मालिक हैं। जबकि अनेक लोग एवं मीडिया में डिलाईट गार्डन के पास एनओसी ना होने का हवाला देकर खबरें प्रकाशित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी उनसे संबंधित एक याचिका दायर की गई है। जिसका वह उचित जवाब दायर करेंगे। बंटी भाटिया ने बताया कि जो भी लोग उनके संस्थान के संदर्भ में भ्रामक व तथ्यविहीन समाचार प्रकाशित कर रहे हैं, उन सभी से निवेदन है कि पहले वह उनके सभी कागजात देख लें। इसके बाद ही समाचार प्रकाशित करें। इससे उनके संस्थान का नाम खराब हो जा रहा है, जोकि एक सोची समझी चाल है। बंटी भाटिया ने कहा कि ऐसे लोगों को लेकर वह कानूनी कार्रवाई के दायरे में उन्हें मानहानि के नोटिस भेज रहे हैं।