फरीदाबाद। फरीदाबाद सूरजकुन्ड स्थित होटल राजहंस में आयोजित भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रशिक्षण शिविर के दौरान सत्र के दूसरे चरण में राज्यसभा सांसद प्रभात झा, आलोक एंव पवन जिन्दल ने कार्यसमिति सदस्यों को प्रशिक्षण दिया। जिसमें आलोक जी ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर प्रकाश डाला। राज्यसभा सांसद प्रभात झा जी ने प्रशिक्षण शिविर के दौरान संगठन एवं सत्ता में समन्वय पर अपने विचार रखे। उन्होने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल का लक्ष्य जनकल्याण व राष्ट्र की सुरक्षा व सम्मान होता है। इसीलिए हम खुद को संगठन का कार्यकर्ता मानते है। चाहें कितने ही बडे पद पर हम क्यों ना हो, हमारे संगठन की प्रकृति पारिवारिक है। श्री झा ने कहा कि लोक कल्याण सरकार के द्वारा, सरकार संगठन के द्वारा तथा संगठन विचारों से अनुप्रमाणित होकर। सरकार भी दल की विचारधारा व घोषण-पत्र पर जवाबदेह होती है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता को सत्ता में भी कार्यकर्ता ही रहना चाहिए। क्योंकि संगठन से अगर सत्ता में जाते है तो केवल कार्य बदलता है। इसलिए ध्यान दे कि कार्य की प्रवृति ही बदले, अपनी प्रवृति में कोई बदलाव ना लाये। क्योंकि सत्ता जनता द्वारा दिया गया समाज निर्माण का सबसे बडा हथियार है। श्री आलोक जी ने बताया कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का पूरा जीवन चुनौतियों से भरा हुआ था। आर्थिक तंगी और बचपन में ही पिता का साया सिर से उठने के बावजूद उन्होने राजस्थान बोर्ड में अव्वल रहे। एक बडी सरकारी नौकरी के प्रावधान के बावजूद उन्होंने मन में ठाना कि मैं अपनी शिक्षा-दीक्षा का उपयोग भारत माता के उत्थान और यश के लिए करूंगा। क्योंकि उनके मन में विचार आता था कि जिस देश मे सभी संसाधन मौजूद होने के ावजूद लोग भूखे सोते हो और पहनने के लिए कपड़ा ना हो। ऐसे में मेरा दायित्व बनता है कि अंत्योदय ही मेरा लक्ष्य होना चाहिए। जिसके चलते उन्होने अपना पूरा जीवन अंत्योदय के लिए समर्पित कर दिया। प्रशिक्षण शिविर के दौरान पवन जिन्दल जी ने भी अपने विचार रखते हुए बताया कि राष्ट्रजीवन का विचार एकात्म भाव से हो, समाज हित सर्वोपरि हो, समर्पित कार्यकर्ता का निर्माण हो, भारतीय पर परा, इतिहास, राष्ट्रपुरुष इनके प्रजा स मान और आदर की भावना हो और जिस क्षेत्र में कार्य खड़ा करना है, उस क्षेत्र की समस्याओं को मिटाकर स्वस्थ समाज को साकार करें। ऐसी समान भूमिका इस विचार परिवार की आधारशिला है।