फरीदाबाद। अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि समाज के तत्वधान मे महान स्वतन्त्रता सेनानी शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल का जन्मदिन बड़ी श्रद्धापूर्वक एवं धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर समाजसेवी एवं भाजपा नेता अतुल त्रिखा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने रामप्रसाद बिस्मिल को महान बताते हुए उनके बलिदान को आद्वतीय बताया। ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।’ भारत एक वीरों का देश है यह बात आप अकसर सुनते रहते हैं लेकिन जब हम स्वतंत्रता संग्राम के उन सभी क्रांतिकारियों को याद करते हैं तो हमारी स्मृति में एक नाम सबसे पहले आता है वह है पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का। स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देने वाले वीरों में रामप्रसाद बिस्मिल का एक विशिष्ट स्थान है। इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम चंद गौड, उपप्रधान सतीश कौशिक, कुणाल कांत, अनिल कौशिक, भूदत्त शर्मा, युधिष्ठर भारद्वाज, सुनील कौशिक, दीपक शर्मा, अनिल राठौर, मनोज चौहान, पै्रस प्रवक्ता किशोर शर्मा, रमन जेतली, अभिशेक शर्मा ने भी महान स्वतंत्रता सेनान स्व. बिस्मिल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। संस्था के महासचिव बी डी कौशिक ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रामप्रसाद बिस्मिल का जन्मदिवस 11 जून, 1897 को शाहजहांपुर में हुआ और इनकी मृत्यु गोरखपुर में 19 दिसम्बर, 1927 ई. में हुई। श्री रामप्रसाद बिस्मिल के ह्दय में सदैव से देश सेवा का भाव था। बिस्मिल ने छोटी आयु में ही उर्दु एवं अंग्रेजी का ज्ञान ले लिया था। लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने के बाद बिस्मिल 6 क्रांतिकारी विचारों वाले युवकों के संपर्क में आए और यहीं से उन्होंने अपना मकसद निर्धारित किया।