फरीदाबाद। सी.एम.ओ हटाओं बीके सिविल अस्पताल बचाओं के नारो से उस वक्त शहर का बीके सिविल अस्पताल गंूज गया जब प्रदेश के स्वास्थय मंत्री अनिल विज बीके में कैथलैब का उद्घाटन कर रहे थे। हांलाकि स्वास्थय मंत्री ने प्रर्दशनकारियों को इसके बाबत संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। डा. गुलशन अरोडा इस प्रदर्शन से पूर्व भी विवादों में रहे है। नवप्रयास सेवा संगठन द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में आरोप लगाया गया कि बीके सिविल अस्पताल की बदहाली के लिए सिर्फ सीएमओं डा.गुलशन अरोडा पूर्णता जिम्मेदार है। इतना ही नही आरोप यह भी था कि सीएमओं असभ्य ही नही है बल्कि उनकी वजह से गरीब असहाय मरीजों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड रहा है। प्रर्दशनकारियों को सूचना मिली थी कि स्वास्थय मंत्री अनिल विज सिविल अस्पताल के दौरे पर है सुनकर संगठन के सभी कार्यक्रत्ता मुख्य द्वारा पर एकत्रित हो गए तथा सीएमओं के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने उन्हे समझाकर शांत करवा दिया तथा आश्वसन दिया कि वह स्वास्थय मंत्री से उनकी मुलाकात करवा देगे ,परन्तु जैसे ही उद्घाटन करने के बाद मंत्री बाहर की निकले तो पुलिस ने संगठन के कार्यकत्ताओं को खदेडना शुरू कर दिया जिससे खफा होकर उन्होने शांतिपूर्वक स्वास्थय मंत्री अनिल विज का घेराव कर उन्हे मांगपत्र देकर सीएमओं डा.गुलशन अरोडा को हटाए जाने की मांग की। जिस पर मंत्री ने उन्हे आश्चत किया कि वह इस बाबत संज्ञान लेगे। विदित हो कि इससे पूर्व भी सीएमओं डा. गुलशन अरोडा विवादों मे रहे है । उसके खिलाफ बदतमीजी और अस्पताल की बदहाली के आरोप को लेकर जनता द्वारा प्रदर्शन कर पुतला फंूक अपना रोष व्याप्त किया था। इतना ही नही अस्पताल में कार्यरत्त एक अपाहिज चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारी ने भी सीएमओं पर मनमानी कर उन्हे नौकरी से हटाए जाने की बात कही थी जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रही। सूत्रों की माने तो सीएमओं गुलशन अरोडा सदैव से सत्तारूढ पार्टियों के मत्रियों के बहुत करीबी रहे है यही वजह है कि कांग्रेस सरकार के अलावा हालफिलहाल बीजेपी सरकार में भी वह सीएओं के पद पर आसीन है जबकि जब वह अन्य क्षेत्र में सीएमओं थे तो उस वक्त भी वह इस तरह के मुद्दे को लेकर सुर्खियों में भी रहे थे बताया यह भी गया है कि वह प्रदेश के एक मंत्री के बहुत करीबी होने का फायदा उठा रहे है ओर आज तक इतने विवादों में होने के बाद भी उन्हे हटाया नही जा रहा है।