फरीदाबाद। आयोजित विकल्प रैली बेशक यह कह कर करवाई जा रही है कि यह यह भाजपा के विकल्प के तौर पर जनता के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। परन्तु वास्तिवक स्थिती यह कि प्रदेश में अपने वर्चस्व कायम रखने के लिए इस रैली का आयोजन करवाया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में ही नही बल्कि सम्पूर्ण हरियाणा में कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र ङ्क्षसह हुड्डा की की तल्लखी दिल्ली के आलाकमान तक भी चर्चित है। जिसका हालिया उदाहरण के तौर पर हुड्डा के समर्थक विधायकों ने एकजुट होकर आलाकमान के समक्ष अशोक तंवर को हटा कर भूपेन्द्र ङ्क्षसह हुड्डा को अध्यक्ष बनाए जाने की पेशकश की थी । हांलाकि बाद में दवाब के चलते सभी ने वर्तमान अध्यक्ष की निगेबानी में कार्य करने की बात मान ली। बात की जाए सार्वजनिक मंचो की तो बेशक अंर्तकलह की किसी भी बात को यह दोनो पक्ष एकसिरे से खारिज करते हुए दिखाई पडते है। लेकिन हालिया सालो में जिस तरह से दोनो पक्षों में प्रदेश की कमान के लिए शीतयुद्ध जगजाहिर हुआ अगर उसे हरियाणा की राजनीति में अपने कद को बरकरार रखने को लेकर जोड कर देखा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही होगी। जिस तरह से दोनो पक्षों ने प्रदेश कांग्रेस राजनीति को दो धडो में बाट दिया उसका आगामी चुनावों में असर तो दिखाई जरूर पडेगा। प्रदेश कांग्रेस में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के बाबत दोनों पक्षों ने पगडियों के रंग परिर्वतन के अलावा प्रदेश में रैलिया तक कर डाली। यदि राजनैतिक सर्वेक्षण किया जाए तो इसमें कोई दो राय नही है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह के समर्थक अध्यक्ष अशोक तंवर के मुकाबले अधिक है इसलिए अध्यक्ष की रैली के मुकाबले पूर्व मुख्यमंत्री की रैली में अधिक जनता का जमावडा देखने को मिलता है। इतना ही नही एक जाति विशेष समुदाय से सबंध रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री की उनमें पकड जो कि हरियाणा की राजनीति के अधिकतम वोट का अधिक प्रतिशत है उसकी वजह से भी वह अध्यक्ष पर भारी दिखाई पडते है। अब बात की जाए विकल्प रैली की तो आलाकमान के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी की चलते अध्यक्ष प्रदेश में इस तरह की रैली का आयोजन तो करवा रहे है पर क्या इस तरह की रैलियों से वह अपने प्रतिशत को प्रदेश में बढा पायेगे । यह तो भविष्य ही तय करेगा पर एक बात तो तयशुदा है कि मुख्यमंत्री की दौड में अपने आप को कंमतर नही आंकने वाले दोनो पक्ष इस तरह की रैलियों का आयोजन कर अपनी वर्चस्व को प्रमाणित तो अवश्य करेगे।