एस्सा एंव धारा 144 हुई खोखली साबित
फरीदाबाद। बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन एस्मा और धारा 144 की परवाह न करते हुए अपना दम दिखाया और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। हड़ताल के बीच शहर में अनेक जगह बत्ती गुल रही । भाजपा सरकार द्वारा 23 सब-डिविजनों को निजी हाथों में देने के खिलाफ और दस सूत्रीय मांगों के समर्थन में हजारों बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहे। सरकार द्वारा कर्मचारियों पर उत्पीडऩ की कार्यवाही करते हुए निलम्बन, तबादले सहित तमाम बिजली कार्यालयों को पुलिस छावनी बनाकर कर्मचारियों को डराने के तमाम प्रयास विफल साबित हुए और हड़ताल पहले दिन से भी ज्यादा प्रभावशाली रही। हालांकि बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल पर होने के बावजूद जानबूझकर बिजली को कहीं पर भी बाधित नही किया और आवश्यक सेवाओं को भी ठीक किया। हड़ताल के कारण कार्यालयों में बिजली बिलों की गड़बडिय़ों व खराब हुई बिजली की शिकायतों का निवारण नहीं हो पाया। सर्कल की सभी सब-डिविजनों, शिकायत केन्द्र, डिविजन व बिजली घर सुनसान पड़े रहे। बिजली कर्मचारी बिजली के कार्यालयों को छोडक़र सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा कर्मचारी महासंघ एवं ट्रेड यूनियन कौंसिल फरीदाबाद द्वारा बीके चौक पर आयोजित कर्मचारी सभा में शामिल हुए। सभा में तमाम जन संगठनों ने बिजली कर्मचारियों का पुरजोर समर्थन करते हुए शहर में जलूस निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रकट की। प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के नेता एटक के बेचुगिरी, सीटू के लालबाबू शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ के नरेश कुमार शास्त्री, अशोक कुमार, युद्धवीर सिंह खत्री, धर्मबीर वैष्णव, महासंंघ के सुनील खटाना, इंटक के जिला प्रधान सोहन लाल, रिटायर कर्मचारी संघ नेता नवल सिंह, किसान सभा के नेता अमरचन्द चन्देला, हरियाण बेैंक इम्पलाइज यूनियन के भोला सिंह आदि ने किया। हरियाणा ज्वाईंट एक्शन कमेटी पॉवर के नेता सतपाल नरवत, शब्बीर अहमद, अशोक कुमार, सुनील खटाना, महेन्द्र सिंह, संतराम लाम्बा आदि ने हड़ताल की सफलता का दावा किया कि सरकार द्वारा एस्मा लगाये जाने व बिजली कार्यालयों को पुलिस छावनी बनाने पर भी वितरण निगमों में दोपहर तक ६११ नियमित कर्मचारियों में से ४२२ और ठेका कर्मचारियों में ७३४ में से ४६९ कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर आज कर्मचारियों द्वारा दिखाए गए आक्रोश को ध्यान में रखते हुए 23 सब-डिविजनों को निजी हाथों में देने के निर्णय को सरकार व निगम प्रबंधकों ने वापिस लेते हुए दस सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं किया और कर्मचारियों पर उत्पीडऩ की कार्यवाही की तो २९-३० जून की हड़ताल के बाद हरियाणा ज्वाईंट एक्शन कमेटी पावर की राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर आगामी बड़ेे आन्दोलन का निर्णय लिया जाएगा।। सर्कल सचिव अशोक कुमार व संतराम लाम्बा ने बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण उपभोक्ताओं को हुई कठिनाईयों पर खेद व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि इसके लिए पूरी तरह भाजपा सरकार व निगम प्रबंधकों की गंभीरता के साथ बातचीत न करने की हठधर्मिता जिम्मेदार है। बिजली कर्मचारियों को रोडवेज के नेता टूरिज्म के नेता टीकाराम, पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन के नेता अतर सिंह, वीएलडीए के नेता राजबेल देशवाल, हुडा विभाग के नेता प्रमोद, भीम सिंह आदि ने सम्बोधित किया।