फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने केंद्र व हरियाणा सरकार से कोविड के कारण एमएसएमई सैक्टर्स के समक्ष उबर रही आर्थिक समस्या के समाधान हेतु मोराटोरियम की घोषणा करने की पुरजोर सिफारिश की है। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने कहा है कि कोविड-१९ के कारण जो स्थिति बनी हुई है वह सभी के समक्ष है, ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि सरकार उद्योगों को राहत देने के लिये ठोस पग उठाए। श्री मल्होत्रा ने बताया कि उद्योगों पर आर्डर, नोटिफिकेशन और नई एमएसएमई नियमों की पालना का दबाव है साथ है लॉकडाउन-१ और लॉकडाउन-२ ने वित्त, श्रम, आर्डर, रॉ मैटीरियल की दरों तथा अन्य समस्याओं से रूबरू कराया है। श्री मल्होत्रा के अनुसार स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में उद्योग वित्त संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहे, राजस्व का नुकसान हो रहा है और आदेशों की पालना करना भी कठिन महसूस हो रहा है। श्री मल्होत्रा के अनुसार लगभग दो वर्ष से एमएसएमई सैक्टर्स काफी संघर्ष भरे माहौल से गुजर रहा है और कोविड-१९ संबंधी चुनौतियों ने इन समस्याओं को और बढ़ाया है। टीकाकरण को आवश्यक करार देते हुए तथा इसकी गति बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि इस संबंध में सभी वर्गों को एकजुट कर कार्य करना होगा। ईपीएफ के साथ एमएसएमई की आधार सहित लिंक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते श्री मल्होत्रा ने कहा है कि इसे अभी लंबित रखा जा सकता है क्योंकि इससे उद्योगों की समस्याएं और बढेंगी। श्री मल्होत्रा के साथ श्री विजय राघवन ने बताया कि ईएसआईसी पहले से आधार को लिंक करने से छूट दे चुकी है ऐसे में पीएफ संबंधी लिंक को लंबित किया जा सकता है। श्री विशाल मल्होत्रा के अनुसार बैंक अकाउंटों को आधार के साथ लिंक करने की समयावधि को बढ़ाया जाना चाहिए। हैजर्ड वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसी के साथ रजिस्ट्रेशन, फस्र्टएड के लिए 30 प्रतिशत श्रमिकों को आवश्यक ट्रेनिंग व एमएसएमई संबंधी अन्य औपचारिकताओं पर समय देने की मांग करते श्री मल्होत्रा ने कहा है कि आवश्यकता इस बात की है कि मोराटोरियम को पुन: लागू किया जाए क्योंकि इससे राजस्व को कोई नुकसान नहीं होता। श्री मल्होत्रा के अनुसार बैंकों को ब्याज मिलता है और ईएमआई धारकों को राहत मिल जाती है ऐसे में मोराटोरियम पर सरकार को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।