नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (इंडियनऑयल) के अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, फ़रीदाबाद ने इस सप्ताह अपना 1,001वाँ पेटेंट दाखिल करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया और यह ऐसा करने वाला भारतीय तेल एवं गैस पीएसयू के बीच पहला है। आरएंडडी सेंटर के आईपी (बौद्धिक सम्पदा) पोर्टफोलियो में 794 सक्रिय पेटेंट शामिल हैं, जिनमें से 542 पेटेंट को विदेश में और 252 को भारत में स्वीकृति मिली है। सेंटर ने अपने पेंटेट के लिए एक स्वस्थ व्यावसायीकरण दर भी पंजीकृत की हैं, जोकि वैश्विक औसत से ज़्यादा है। नवोन्मेषीय उत्पादों, प्रक्रियाओं और तकनीकों के माध्यम से इंडियऑयल के व्यवसाय को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देने के लिए आरएंडडी टीम की सराहना करते हुए श्री. संजीव सिंह, अध्यक्ष, इंडियनऑयल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बीएस-VI ईधन के उत्पादन के लिए इडियनऑयल रिफाइनरियों में क्रियान्वित कई गुणवत्ता उन्नयन परियोजनाएँ इन-हाउस विकसित की गई डीप-डिसल्फ़राइज़ेशन, आईसोमराइज़ेशन एवं डिमेरिज़ेशन तकनीकी पेटेंट पर आधारित हैं। इंडियनऑयल का अंतर्राष्ट्रीय-सम्मानित इंडमैक्स तकनीकी पेटेंट पारादीप रिफाइनरी में सफलतापूर्वक वाणिज्यकृत किया गया, जिससे इस वर्ग में उच्चतम प्रोपाइलीन उत्पादन को सुनिश्चित करने के अलावा एलपीजी उत्पादन में 40% सुधार हुआ। इसी प्रकार, सेंटर की बायो-मिथेनेशन तकनीक मीथेन उत्पादन में बेहतरीन तकनीक है और कॉम्प्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) के उत्पादन के लिए नामक्कल (तमिल नाडु) प्लांट में कार्यान्वित की जा रही है। वर्ष 1972 में स्थापित, यह सेंटर डाउनस्ट्रीम पेट्रोलियम सेक्टर आरएंडडी में एक अग्रणी है और इसने सर्वो ब्रांड की शुरुआत द्वारा स्नेहक ल्यूब्रिकेंट्स तकनीकी में व्यापक प्रंशसा प्राप्त की है। 5,000 से अधिक फ़ॉर्म्यूलेशन एवं 800 से अधिक सक्रिय ग्रेड के साथ इसमें रेल-रोड एवं समुद्री तेल सहित सभी बोधगम्य अनुप्रयोग शामिल हैं। सर्वो भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला ल्यूब्रिकेंट ब्रांड बन गया है। 70 के दशक के अंत में उच्च कुशल, ईधन प्रभावी ‘नूतन’ केरोसीन विक-स्टोव की शुरुआत के साथ आरएंडडी सेंटर ने पिछले चार दशकों में अपनी लम्बी यात्रा तय की है। डॉ. एसएसवी. रामकुमार, निदेशक (आरएंडडी), इंडियनऑयल के अनुसार सेंटर उच्च-गुणवत्ता, पर्यावरण-हितैषी उत्पादों एवं नवोन्मेषी रिफाइनरी प्रक्रियाओं के विकास पर ध्यान केन्दित कर रहा है, जिससे संसाधनों का कुशल उपयोग, रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल्स इंटिग्रेशन को बढ़ाने और बाज़ार की मांग के अनुसार उत्पाद पद्धति एवं उत्पादन में लचीलापन लाया जा सके। डॉ. रामकुमार ने कहा कि रिफाइनरी श्रेणी में अपने 50% सक्रिय पेटेंट और उसके बाद बायो-टेक्नोलॉजी में 16% पेटेंट के साथ आरएंडडी सेंटर ने पॉलिमर (प्लास्टिक्स) के उत्पादन में प्रयुक्त ज़ाइग्लर-नट्टा कैटलिस्ट के उच्च प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में भी व्यापक प्रगति की है। डॉ. रामकुमार ने आगे कहा, “हमने न केवल यहाँ एक उज्ज्वल स्थान बनाया है बल्कि पेटेंट की स्वीकृतियों में भी सफलता हासिल की है, जो कि वैश्विक कंपनियों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।” इंडियनऑयल के व्यवसाय एजेंडा के अनुरूप आरएंडडी सेंटर ने अन्यों के अलावा पेट्रोकेमिकल्स, नैनो-तकनीक, वैकल्पिक ईंधन, ऊर्जा भंडारण समाधान और हाइड्रोजन-आधारित ईंधन सेल को शामिल करते हुए अपने अनुसंधान क्षेत्र में विस्तार किया है।