Manoj Bhardwaj
फरीदाबाद( Standard News online news portal)… नगर निगम सदन की बैठक में मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा ही छाया रहा। पार्षदों ने अपने क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए दी जाने वाली राशि को लेकर जमकर बवाल काटा। आरोप लगाया गया कि राशि वितरण में भेदभाव किया जाता है । निगमायुक्त द्वारा सदन की बैठक में प्रस्तुत किए गए बजट को एक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। नगर निगम सदन की बैठक में निगमायुक्त ने औद्योगिक नगरवासियों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं के लिए वित्तीय वर्ष में लगभग 1796 करोड रूपयें खर्च करने की बात कही। सोमवार को निगम सभागार में आयोजित सदन बैठक में बहसबाजी और मांगो के मध्य सभी पार्षदों ने एक ध्वनिमत से बजट पारित कर दिया। साथ ही निगमायुक्त मो.शाईन ने सदन के समक्ष वित्तीय वर्ष 2018-19 की अनुमानित आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। बताया गया कि वित्त चालू वर्ष में अनुमानित खर्च का 18766.60 लाख रूपयें विकास कार्यो पर खर्च किया गया जबकि नगर निगम की आय 229343.95 लाख रूपये बताई गई। वही आरोप यह भी लगाया कि निगम कर्ज में डूबा हुआ है जिसकी मतलब यह है कि अधिकारी निगम की आय पर ध्यान नही दे रहे है जबाब में निगमायुक्त ने बैठक में यह भी बताया कि अनुमानित आय 2293 करोड प्रस्तावित थी ,परन्तु आय के मुख्य स्त्रोत लाइसेंस फीस और योजना विभाग की आय अक्सर कम ही रहती है। बैठक में यह भी बताया गया कि इस बार नगर निगम ने आय को बढाने के लिए 410 करोड़ की रूपये का अनुमान लगाया गया है, परन्तु निगम का लक्ष्य 600 करोड रूपये एकत्रित करना है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि शहर में गत् 2008 से हालफिलहाल तक सर्वे नही हुआ है परन्तु उसके बावजूद भी वर्तमान से कुल 1.42 लाख रूपये गृह-कर से वसूला जा रहा है। निगमायुक्त ने बैठक में सभी पार्षदों को बताया कि शहर में 4 लाख घरों में मीटर लगा हुआ है जिन्हे गृह-कर के लिए नोटिस भिजवा दिया गया है। जिसकी वजह से निगम की आय तीन गुणा तक बढ जायेगी। बैठक में पार्षदों ने शिकायत दर्ज करवाई कि बिल में गृह कर की सही स्थिती नही दशाई जाती है और इतना ही नही अधिकारी कर जमा करवाने वालों को चक्कर भी कटवा रहे है। शिकायत का निवारण करते हुए आयुक्त ने कहा कि किसी भी कर जमा करवाने वालों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नही करना पडेगा। आरोप यह भी था कि जो अधिकारी राजस्व वसूली या निगम की आय को बढाने में लापरवाही करे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाए। बाकी निगमायुक्त ने बिजली निगम का बकाया 200 करोड रूपये चुकाने की बात सभी को बताई। उन्होने बताया कि यह ऋण सरकार से मिले अनुदान के बाद चुकाया गया है