दिल्ली/हरियाणा। प्रदेश की एक विधायक लोहडी कार्यक्रम की आड में अपना शक्ति प्रदर्शन कर पार्टी पर दवाब बनाकर सीट बचाने की जुगत में लगी हुई है। बकायदा भीड इकठठी करने के लिए खुद उनके द्वारा लोगो को फोन कर नियमंत्रण दिया जा रहा है जबकि यह जगजाहिर है उनकी विधानसभा की जनता उनकी कार्यशैली से इत्तेफाक नही रखती । जनता में उनके प्रति बहुत रोष है। यही वजह है कि उनकी कार्यप्रणाली की शिकायतों की फेहरिस्त बहुत लम्बी हो चुकी है और प्रदेश पार्टी मुखिया के अलावा दिल्लाी की राजनीति तक में भी सुगबुगहाट है। संघ भी उनकी शिकायत सुनकर अच्छा-खासा उनके नाराज है। इतना ही नही उनकी विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश मुखिया भी चुनाव लडने का मन बना रहे है जिसकी वजह से यह विधायक अपने क्षेत्र को बचाने की मशक्कत में लगे हुए है। बकायदा इसके लिए पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत लोगो को लोहडी पर्व की आड में भीड का हिस्सा बनाकर अपना शक्ति प्रदर्शन की सम्पूर्ण तैयारिया कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि संघ परिवार के अलावा दिल्ली आलकमान के साथ-साथ प्रदेश मुख्यिा तक इस विधायक की नकारत्मक कार्यशैली की चर्चा चरम पर है। विधानसभा की जनता को समय ना देने के साथ क्षेत्र के विकास में कोई अहम भागीदारी ना निभाना तथा अवैध निर्माण रूकवाने की एवज में अपना उल्लू सीधा करना की शैली ने इनकी संघ परिवार से दूरिया बढा दी है। यही वजह है घटते जनआधार और क्षेत्र की जनता की बेरूखी के चलते दिल्ली आलाकमान तथा प्रदेश राजनीति में पुन: जीर्णोधार के लिए इनके द्वारा लोहडी की आड में शक्ति प्रदर्शन की राजनीति की और इनको मुखर कर दिया है। अगर सूत्रों की माने तो शिकायतों के चलते इस बार इनको अपनी विधानसभा से टिकट के लिए अच्छी खासी मशक्कत करनी पड सकती है क्योकि जिस तरह से क्षेत्र में इनकी नकारत्मक छवि जनता के समक्ष बनती जा रही है वह पार्टी के लिए सिरदर्द का सबब बन सकती है। इसलिए अपनी सीट बचाने के लिए इनका शक्ति प्रदर्शन अनिवार्य हो चुका है जबकि वास्तिवक सच्चाई यह है यदि चुनाव अभी करवाया दिए जाए तो यह क्षेत्र के वोटरों से इनके द्वारा अपने पक्ष में वोट गिरवाना एक ढेडी खीर साबित होगा। मालूम हो कि इससे पूर्व भी यह अपने क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन के लिए जानी गई है जिसमें इन्होने अपने उन समर्थकों से इस प्रदर्शन का खर्च वहन करवा दिया जिन्हे इनके द्वारा पार्षद चुनाव का टिकट का वायदा किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद बहुत से समथर््ाक इनसे नाराज हो गए थे क्योकि उनका आरोप था कि सहयोग करने के बाद भी इनके द्वारा उन्हे सहयोग नही किया गया है। खैर जो भी है अब यह देखना यह है कि अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता के समक्ष नकारात्मक छवि और लम्बी शिकायतों के बावजूद भी यह लोहडी कार्यक्रम की आड में अपना शक्ति प्रदर्शन कर पार्टी आलकमान पर दवाब बनाने में कामयाब हो पायेगी की नही।