फरीदाबाद। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक का कन्या बचाओं अभियान रंग ला रहा हैं। उन्होने गांव पावटा में साढ़े नौ साल की बच्ची और उसकी दो बहनों जो कि लगभग साढ़े 12 साल व साढ़े 16 साल की थी उन्हे बालिका वधू बनने से बचा लिया। उनका पिता पांच लडकियों की शादी एक साथ कर रहा था जिनमें से दो शादी योग्य पाई गईं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव पावटा में एक पिता अपनी पांच बेटियों की शादी एक साथ कर रहा है। उनमें से तीन की उम्र शादी योग्य नहीं है। वह पुलिस के साथ टीम गठित कर उनके घर पहुंच गईं। बारात मंगलवार को पलवल से आनी थी। उन्होंने लडकियों के माता.पिता को 18 साल से कम उम्र की बेटियों की शादी करने से मना किया। शुरुआत में उन्होंने इससे साफ इन्कार कर दिया और कहा कि वह शादी कर देंगे लेकिन गौना नहीं करेंगे। अधिकारी इस बात पर राजी नहीं हुईं। तब उसने कहा कि वर पक्ष के लोग बारात लेकर आ जाएंगे तो उनकी सामाजिक बेइज्जती होगी। इस पर अधिकारी ने वर पक्ष के लोगों से फोन पर बात की। उन्हें समझाया कि कम उम्र में बच्चों की शादी करने पर दोनों पक्ष के लोगों को सजा हो सकती है। तब वह राजी हुए कि आगामी भविष्य में वह केवल बालिक लडकियों के लिए बारात लेकर आएंगे। साथ ही लडकियों के पिता ने भी लिखित में दिया है कि 18 साल की उम्र से पहले वह बेटियों की शादी नहीं करेगा। इसके अलावा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने ऊंचा गांव में एक शादी रुकवाई। वहां उत्तर प्रदेश से बारात आनी थी। उन्हें सूचना मिली कि लडकी की उम्र अभी शादी योग्य नहीं है। उन्होंने लडकी के माता.पिता को अभी शादी न करने के लिए राजी किया। इसके अलावा गांव मौजपुर में एक लडके की 21 साल से कम उम्र में शादी की जा रही थी। बारात पलवल जानी थी। सूचना मिलने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी ने उसकी शादी रुकवाई।