फरीदाबाद। भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अम्बावता ने कहा कि आगामी 15-16 दिसम्बर को हरिद्वार में राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक हो रही है इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन में मजबूती लाने के लिए चर्चा करना है और प्रदेशस्तरीय नई कार्यकारणी का गठन भी किया जायेगा जिसमें नये चेहरों को मौका मिलेगा । श्री अम्बावता ने कहा कि उत्तर प्रदेश यूनियन की पुरानी कार्यकारणी तत्काल प्रभाव से भंग कर दी गई है जल्द ही नई कार्यकारणी की घोषणा कर दी जायेगी । क्योंकि उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल बढा होने की बजह से भारतीय किसान यूनियन (अ) को चार जोनों में भी बांटा जायेगा इन सभी जोनों के अलग-अलग अध्यक्ष बनाये जायेंगे ।उन्होने कहा कि देश में किसान सबसे ज्यादा दुखी है और सरकारें सिर्फ योजनाओं के नाम पर किसानों को ठग रही है। पूर्व की सरकारों ने किसान के लिए कोई खास योजनाएं नहीं बनाई, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार कोरी बातों और सपनों से पेट भरना चाहती है। भाकियू उसी पार्टी को चुनाव में सहयोग करेगी जो किसानों को कर्जमुक्त बनाकर हमारी निम्र मांगों को मानेगी। उन्होने कहा यूपी और पंजाब में भाकियू गहरी पैठ रखती है, और दोनों ही प्रदेश किसानों के हैं। अपनी मांगों के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार वास्तव में किसानों के हित में काम कर रही है तो तुरंत स्वामी नाथन आयोग की रिर्पोट लागू करे । पूरे देश का किसान कर्ज मुक्त हो, और बैंकों से बिना ब्याज पर खेती के लिए धन मिले। फसल खराब होने पर 30 हजार रूपए प्रति एकड मुआवजा मिले, हर जिले में निशुल्क किसान ट्रेनिंग सेंटर, किसान के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, और पानी-बिजली के बिल आधे हो। फसल को सीधे सरकार तक देने की सुविधा, बिचौलिए खत्म हों। 1894 भूमि अधिग्रहण बिल समाप्त हो। किसानों को खेती यंत्रों पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिले। श्री अम्बावता ने कहा कि मोदी सरकार नोटबंदी कर गरीब व किसान वर्ग को लाईनों में खडा कर दुखी कर दिया है जो बचकानी हरकत लगती है। सरकार का काम देश को प्रगति और विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाना है, न कि देश की जनता को केवल सपने दिखाकर जाति धर्म के नाम पर भ्रमित करना। भाजपा अपने किसी भी चुनावी वायदे पर खरी नहीं उतरी है और पूर्व सरकारों की योजनाओं क े नाम बदलकर लॉच कर रही है।