FARIDABAD… सतयुग दर्शन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एंड रिसर्च व् सतयुग दर्शन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेनोलॉजी द्वारा अवेकनिंग फेस्ट का आयोजन हुआ । इसमें फरीदाबाद व् आस पास के लगभग 22 कॉलेजों के लगभग 350 विद्यार्थीयों ने भाग लिया । प्रोग्राम के मुय अतिथि जींद विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर माननीय मेजर जनरल डॉ रंजीत सिंह व उनकी पत्नी श्रीमती कुसुम ग्रेवाल थे । फरीदाबाद से माननीय अशोक गोयल, जॉइंट सेक्रेटरी महाबीर प्रसाद व् टेकचंद शर्मा जी भी आये । निर्णायकों में,डॉ दीपिका लोगानी,डॉ अंजू मुंजाल .विनोद गोस्वामी, कोमल शामिल थे । कार्यक्रम का शुभारमभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । यह कार्यक्रम मानवता पर आधारित था । इसका उद्देश्य था मानवता अपनाओ, एक हो जाओ । अशोक गोयल जी ने सतयुग दर्शन द्वारा चलाये जा रहे सभी शिक्षण संस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ विद्यार्थियों को सही अर्थों में शिक्षित किया जाता है । वी. सी जी ने भी संस्कारों के साथ शिक्षा पर बल दिया । मेजर साहब ने कहा कि यहाँ के वातावरण से मैं अभिभूत हो गया हूं 1योंकि आजकल शिक्षा के साथ संस्कार किसी किसी शिक्षण संस्थान में दिए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि आज समाज को मानवता की आवश्यकता है और बी.एड कॉलेज इसमें अच्छे शिक्षक तैयार कर मदद कर सकते हैं और भारत देश को सर्वोत्तम बताया । उन्होंने कहा कि हवा ,पानी और मुस्कान के इस्तेमाल में कभी कंजूसी न करें और योग द्वारा सेहत ठीक रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया साथ ही उन्होंने स्टेज पर बच्चों के साथ स्वयं पत्नी सहित कुछ आसनों का प्रदर्शन भी किया । उन्होंने अपने मार्गदर्शक डॉ कलाम को सलाम करते हुए बताया कि वह उनके बताये रास्तों पर चलकर स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान देना चाहते हैं । कन्याओं कि सेहत के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कॉलेजों से लड़कियों के हीमोग्लोबिन आवश्यक रूप से चेक करवाये और बताया लड़कियां परिवार का आधार होती हैं उनकी सेहत का 2याल रखना जरुरी है इसके पश्चात् श्री सजन जी ने अपने विचार रखे । श्री सजन जी ने बताया आज के कार्यक्रम का मय उदेश्य था जागरण ,उसका केंद्र बिंदु था मानवता । उन्होंने बच्चों को जाग्रति में आने को कहा कि वे मन व् चित से जागृत हो जाएँ । आत्मिक ज्ञान सतत जागरण से ही आता है विद्यार्थियों का केवल खाने पीने और निद्रा में दिन बिताना सब कुछ खोने के समान है इसलिए मन को जागृत अवस्था में रखते हुए बुद्धि को तीक्ष्ण करने का सन्देश दिया जाता है उन्हें जाग्रति में लाने के लिए मानवता विकास 1लब का गठन किया गया है । इस लब का मुय उद्देश्य है ,अंतर्निहित मानवीय मूल्यों के विकास द्वारा आत्मजागरण करना यानि आत्मा में जो है परमात्मा उसको पहचान तदनुरूप व्यवहार अपनाना * उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह देख कर प्रसन्नता हुई है कि सबने एकजुट होकर बच्चों की अंतर्निहित प्रतिभा को सही मार्गदर्शन देने का प्रयास किया है । उन्होंने फिर कहा कि जिस अंतर्मुखी का का ध्यान पूर्णत: एक ही ओर लगा होता है यानि मन शांत,चित एकाग्र व् तल्लीन होता है वही जागृत कहलाता है उन्होंने बच्चों को सजग करते हुए कहा जीवन का कोई भी क्षेत्र हो ,कोई भी काल हो ,कोई परिस्थिति हो ,आठों पहर ,होशियार व् जागृत रहना आवश्यक है ओर जागने के लिए जागरूक होना आवश्यक है । गहन चिंतन एवं सूक्ष्म निरीक्षण से जागरूक हुआ व्यक्ति अहंकार ,स्वार्थ ,मोह ,लोभ,क्रोध आदि अवगुणों का त्याग कर विवेक से उचित-अनुचित का निर्णेय ले अपने शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेतन हो सत्कार्य करने में सक्षम हो जाता है । सजन जी ने कहा कि बुद्धि तीक्ष्ण करने के लिए आत्म नियंत्रण रखो । सबकी जानकारी हेतु उन्होंने बताया कि सतयुग दर्शन ट्रस्ट प्रयासरत है कि चाहे बाल हो या युवा ,प्रौढ़ हो या वृद्ध ,सबको आत्मिक रूप से स्वस्थ बनाया जा सके । अंत में उन्होंने कहा कि मानव के मन में मानवता तभी व्याप्त रहती है यदि वह संतोषी बन धीरता से सद-चरित्रता अनुसार पावनता से भरपूर जीवन जीता है ।
![सतयुग दर्शन इंस्टिट्यूट मे अवेकनिंग फेस्ट का आयोजन हुआ](http://standardnews.in/wp-content/uploads/2017/02/vansudra-photo.jpg)