फरीदाबाद। डीजीपी विजिलेंस शील मधुर ने कहा कि सभ्य समाज के निर्माण में पत्रकारों की अहम भूमिका है। चाहे कोई भी दौर रहा हो। पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। भ्रष्टाचार को जड़ मूल से खत्म कराने में पत्रकार अहम भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। वे शुक्रवार को डीएवी शताब्दी कॉलेज एनएच.3 में राज्यस्तरीय परिचर्चा बदलते परिवेश में पत्रकारिता और पत्रकारों की भूमिका पर बोल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो जिस क्षेत्र में है। वे भारत को सशक्त बनाने का काम करें। गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में पढऩे वाले भी पढ़ लिख कर अधिकारी बन सकता है। यह हीन भावना कोई भी अपने अंदर न पालें कि वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित लहरों से डर कर नौका बार नहीं होतीण्ण्कोशिश करने वालों की हार नहीं होतीण्ण् कविता प्रस्तुत कर सभी छात्रों की हौसला अफजाई की। परिचर्चा की मुख्य वक्ता प्रसार भारती की सलाहकार स्मिता मिश्रा ने कहा कि पत्रकारिता में निष्पक्षता और संवेदनशीलता होनी चाहिए। अगर यह दोनों नहीं है तो फिर पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगते हैं। जो ठीक नहीं है। सोशल मीडिया के युग में अधिक चौकन्ने और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की वजह से अब हर व्यक्ति पत्रकार है। ऐसे में फिर पत्रकारों की जरूरत पर सवालिया निशान उठने लाजिमी है। मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को समय के साथ अपडेट होना पड़ेगा। ऐसे समाचार करने होंगे जो सोशल मीडिया नहीं कर सकता। पत्रकारों को भी सोशल मीडिया को दुश्मन नहीं मानना चाहिए। उसे एक अच्छा साथी मानकर दोनों के पार्टनरशिप से समाज के समाने बेहतर खबरें ला सकते हैं। इसके पहले कॉलेज के प्रिंिसपल डॉ.सतीश आहूजाए प्रोफेसर सुनीति आहूजा ने परिचर्चा में पहुंचने पर डीजीपी विजिलेंस और स्मिता मिश्रा, डीसीपी एनआईटी पी सी पंवार का स्वागत किया। प्रिंसिपल डॉ. आहूजा ने कहा कि डीजीपी जैसे शख्सियत के कैंपस में आने से छात्रों की हौसला अफजाई हुई है। उनके जैसे बहुमुख प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व को देख युवाओं में जोश भर गया। डीसीपी पंवार ने पत्रकार व पुलिस के संबंधों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आपातकाल बंदी रविभूषण खत्री ने 1975 पर लगाए गए अखबार के सेंसरशिप से अवगत कराया।