बल्लभगढ़/फरीदाबाद। शहर के एक रसूकदार वित्तीय कारोबारी से अपमानित होकर एक व्यापारी ने आत्मदाह कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। व्यापारी का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने वित्तीय कारोबारी को दिया गया अपना धन वापिस मांग लिया। मामला बल्लभभगढ़ से जुडे पंजाबी वाडा का है,जहां व्यापारी सतीश गोयल काफी समय से अपने परिवार के साथ रह रहे थे। बताया जा रहा है कि वित्तीय कारोबारी विनोद मामा जो कि प्राथमिक दृष्टिकोण से आरोपी पाए जा रहे है,वह सतीश गोयल द्वारा दी गई रकम वापिस नही लोटा रहे थे और इसकी वजह से गोयल मानसिक तौर पर बहुत विचलित थे। पता चला है कि तडके करीबन छह बजे सल्फास खाकर व्यापारी गोयल ने आत्महत्या कर ली। सल्फास की गोली खाने के बाद व्यापारी गोयल ने अपने एक करीबी मित्र जो कि अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा में एक पदाधिकारी भी है,उन्हे दूरभाष भी किया था। वार्तालाप होने के बाद वह तुरंत व्यापारी गोयल के घर पहुच गए जहां उन्होने देखा कि मृतक की स्थिती काफी गंभीर बनी हुई है। घटनाक्रम को देखते हुए उन्हे नजदीकी एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। प्राथमिक जांच के बाद अस्पातल के चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि मृतक सतीश गोयल ने आरोपी विनोद मामा नामक एक फाईनेंसर के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपए निवेश किया हुआ था। रकम मांगे जाने पर फाईनेंसर विनोद मामा उन्हे अपमानित कर अपने कार्यलय से भगा देता था। आत्महत्या को लेकर सुगबुगहाट है कि मृतक ने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बल्लभगढ के तीन फाईनेंसरों को सीधे तौर पर दोषी बताया है। हांलाकि पुलिस ने साफ तौर पर किसी भी सुसाईड नोट पाए जाने से इंकार कर दिया है। अब मुकदमा पुलिस मृतक के परिजनों के बयान के आधार पर पंजीकृत करेगी। बताया जा रहा है कि मृतक ने अपना घर बेचकर एकत्रित किए गए धन को भी फाईनेंसरों को दे दिया था परन्तु ना तो उन्हे इस रकम पर ब्याज दिया जा रहा था और ना ही मूल धन राशि वापिस की जा रही थी जिसके चलते वह मानसिक तौर पर काफी विचलित हो चुके थे। आरोप लगाए जा रहे है कि पुलिस किसी दबाव में मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। जबकि पुलिस का दावा है कि वह छानबीन कर आरोपी फाईनेंसरों के खिलाफ ठोस कार्रवाही अवश्य करेगी। मामले की चर्चा शहर में चलते ही आरोपी भूमिगत हो गए है।