सुसाईड नोट में अभी भी जरूरी है बारीकी से अध्यन ,इंस्पेक्टर अमित अभी भी शक के दायरे में
फरीदाबाद। बेशक वेब पोर्टल पत्रकार पूजा तिवारी मामलें में बरामद किए गए सुसाईट नोट की जांच में लिखावट मिलान पूर्णता मृतिका की लिखावट से मेल खा गई है पर सुसाईड नोट का आधार जांच के साथ जोडकर इस केस की बारीकी का अध्यन जरूरी है। इतना ही नही यह केस इस कद चर्चित हो चुका है कि पुलिस की एक चूक मामलें को गम्भीर बना कर रख देगी। कायदे से सुसाईड नोट मिलने के बाद उसकी जांच बडी बारीकि से की जाती है। जहां हालात और परिस्थिती को बडी गम्भीरता से लिया जाता रहा है। अब अगर बात करे मृतिका पूजा तिवारी सुसाईड नोट की तो इसमें बारीकी से जांच अवश्य होनी चाहिए क्योकि माना यह जा रहा है कि जब यह प्रकरण हुआ उस वक्त पूजा तिवारी ने शराब पी हुई थी और उनके पुरूष मित्र इंस्पेक्टर अमित जो कि उनके साथ कुछ समय के लिए अपार्टमेंट के पार्क में थे वहा उन दोनो का किसी बात को लेकर झगडा हुआ था। झगडा होने के बाद वह दोनो फ्लैट में आए और कुछ देर के बाद वहा भी किसी बात को लेकर उनकी तकरार शुरू हो गई थी। बाद में कुछ समय के बाद यह हादसा हो गया । अब सवाल यह है कि इस दौरान पूजा तिवारी ने यह सुसाईड कब और कितनी देर में लिखा जबकि पार्क से फ्लैट आने में कुछ वक्त तो लगा होगा फिर वहा आकर भी झगडे की स्थिती में सुसाईड नोट लिख पाना असंभव सा प्रतीत हो रहा है। अब अगर यह सुसाईड नोट मानसिक तौर पर प्रताडित होकर पहले लिखा गया है तो अचरत की बात यह है कि इंस्पेक्टर अमित जो कि उनके बहुत करीबी मित्र थे ,उनका इस नोट में कई भी कोई ज्रिक नही है जबकि सोशल मीडिया में उनकी तकरार का ऑडिया जगजाहिर हो गया था। जिसमें वह पूजा तिवारी पर एक अन्य मित्र को लेकर शक कर रहा था। साथ ही मुंहबोली भाभी के बयान की बात की जाए तो पूजा तिवारी मॉ बनना चाहती थी क्योकि इंस्पेक्टर अमित ने उससे शादी कर ली थी,जिसकी वीडियों मृतिका ने उसे दिखाई थी। बयान में यह भी बताया गया था कि गाली गलौच और मारपीट आम बात हो गई थी तथा मारपीट में पूजा तिवारी को काफी चोटे भी आई थी। अब संशय की स्थिती यह थी कि इतना होने के बावजूद भी सुसाईट नोट मेें इस्ंपेक्टर अमित का कही भी कोई उल्लेख नही किया गया है। और केस में भागीदारी करने के लिए बुलाए गए इंस्पेक्टर अमित ने अपने बचाव में यह नोट काफी दिनों बाद क्यो पेश किया जिसके बारे में स्वंय मृतिका पिता ने माना था कि अमित इस तरह की पेशकश लेकर उनके पास आया था,जिसमें मीडिया के समक्ष सुसाईड नोट पेश करने की एवज में करोडों रूपये कमाने की बात कही गई थी। शायद यह भी मुमकिन हो सकता है कि इंस्पेक्टर अमित ने मृतिका को भावानात्मक रूप से विचलित कर यह सुसाईट नोट पहले से ही लिखवा कर रखा हो और उसके मन में किसी तरह की गम्भीर विचार चल रहे हो और यह भी हो सकता है कि वाकई इस सुसाईड नोट में उनकी अपनी व्यथा छुपी हुई हो ।अब तो जांच से ही पता चल पायेगा कि सच्चाई क्या है पर यह मुद्दा कही ना कही गम्भीर जांच का है ।