फरीदाबाद। दयालबाग स्थित सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल में दादा-दादी दिवस का पूर्ण उत्साह से आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना, वरिष्ठ डेटंल सर्जन डाक्टर अश्वनी पुरूथी तथा प्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाण्डेय ने दीप जलाकर किया। बच्चों ने इस कार्यक्रम में अपने दादा-दादी,नाना-नानी को आमंत्रित कर उनका शानदार ढंग से हर्षित हो स्वागत किया। दादा-दादी दिवस के उपलक्ष्य पर फाउंडेशन से पाँचवी तक के बच्चों ने विविध प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विशेष कर नन्हे-नन्हे बच्चों द्वारा किए गए नृत्य को खूब वाह वाही मिली। कर्यक्रम को देख कर सभी ग्रांड पेरेंट्स ने बच्चो की जमकर सराहना की और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ भी दी। इसके उपरांत सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के मख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना ने सभी बच्चो को संदेश देते हुए कहा की आज के व्यस्त समय में बुजुर्ग अभिभावक और बच्चों के बीच संबंध,आदर प्रेम की भावना कही न कही धूमिल हो रही है। इन्ही मानवीय मूल्यों का विकास करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर डॉ.अश्वनी पुरूथी ने कहा कि आज का दिन बच्चों के साथ साथ ग्रेंट पेरेंट्स के लिए भी यादगार रहेगा क्योकि उन्हें भी आज अपने बचपन की याद आ गई होगी। इस अवसर पर ग्रेंड पेरेंट्स ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल ने ग्रेड पेरेट्स को जो सम्मन दिया है उसके लिए वो तहे दिल से शुक्रगुजार है। इसके पश्चात स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाण्डेय ने सभी बुजुर्ग अभिभावकों का सहृदय धन्यवाद करते हुए कहा की बुजुर्ग हमारे नैतिक मूल्यों की नीव होते है। दादा-दादी व नाना नानी के जीवन के खटटे- मीठे अनुभव बच्चों के जीवन में बहुत कारगर साबित होते है। उनके द्वारा सुनाई गई कहानियो द्वारा मिली सीख हमें हमेशा प्रेरित करती है। हमें अपने बुजुर्गो का आदर करना चाहिए और आज के व्यस्त समय में थोड़ा सा समय उन्हें भी देना चाहिए क्योकि ग्रांड पेरेंट्स एक वट वृक्ष की भांति है जो दु:ख रूपी धूप से बचाने के लिए हमें ममता की छाँव प्रदान करते है और हमेशा सही – गलत के अंतर से अवगत कराते है।