फरीदाबाद। रक्षाबंधन के पर्व पर विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। इस अवसर पर जहां बालिकाओं ने अपने सहपाठी भाईयों को रक्षासूत्र बांधा तो वहीं भाईयों ने भी चॉकलेट व अन्य उपहार देकर बहनों को रक्षा का वचन दिया। इस अवसर पर स्कूल में बच्चों के लिए कार्ड डिजाइन एवं राखी डिजाइन करने जैसी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। स्कूल में छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए तथा बच्चों ने सुंदर राखियां बनाईं। कक्षा की शिक्षिकाओं ने बच्चों को रक्षाबंधन की कहानी सुनाई। स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने रक्षाबंधन के त्यौहार का महत्व समझाते हुए बताया कि यह सिर्फ राखी बांधने और उपहार लेने का त्यौहार नहीं है। इस पर्व पर सभी को अपने-अपने कर्तव्य पालन करने की शपथ लेनी चाहिए। त्योहार के इतिहास के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत त्योहारों का देश है । यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं । हर त्योहार अपना विशेष महत्त्व रखता है । रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार है । यह भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक त्योहार भी है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण मास में ऋषिगण आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे। श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी। यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा थी। इसलिए इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं। बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा। स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव ने बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि रक्षाबंधन पारिवारिक समागम और मेल-मिलाप बढाने वाला त्योहार है । इस अवसर पर परिवार के सभी सदस्य इकट्ठे होते हैं । विवाहित बहनें मायके वालों से मिल-जुल आती हैं । उनके मन में बचपन की यादें सजीव हो जाती हैं। इस तरह पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है। रक्षाबंधन का त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का कार्य करता है। संसार भर में यह अनूठा पर्व है । इसमें हमें देश की प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। स्कूल के अकेडमिक डॉयरेक्टर सीएल गोयल, शम्मी यादव, योगेश चौहान एवं अन्य स्टॉफ व गणमान्य उपस्थित रहे। सभी ने बच्चों के साथ त्योहार को इंज्वाय किया।