फरीदाबाद ।नहर पार ग्रैटर फरीदाबाद के सैकडो किसानो ने जिला उपायुक्त व हुड्डा प्रसासक को मांग पत्र सौपा किसानो का नेतृत्व किसान संघर्ष समिति ग्रैटर फरीदाबाद के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने किया, मुख्यमन्त्री हरियाणा सरकार ने एक घोषणा की जिसमें ऐसी जमीन जो अधिग्रहण के बाद खाली पड़ी हुई है जो कि अभी तक किसी कार्य के लिए इस्तेमाल में नहीं की गई है उस जमीन को असली मालिकों को वापिस करने का फैसला किया गया है। विशेषकर ऐसे मामलो में जहाँ उस जमीन के अधिग्रहण के बाबत मुआवजा बढ़ाने के लिए या जमीन छुडवाने के लिए विभिन्न अदालतों में मुकदमें लम्बित है। इस प्रकार भूमि छोडने से मुख्यमन्त्री ने यह भी कहा है कि मुकदमों का बोझ कम हो जायेगा और विकास का रास्ता खुल जायेगा। माननीय मुख्यमन्त्री ने हुडा व एच0एस0आई0आई0डी0सी0 को यह आदेश भी दिये है कि ऐसी जमीनों की हरियाणा में पहचान करके सूचि बनाई जाये जो कि अधिग्रहण के बाद खाली पड़ी हुई है जो कि अभी तक किसी कार्य के लिए इस्तेमाल में नहीं की गई है और जिसमें विभिन्न अदालतों में मुकदमे लम्बित है। गांव बड़ौली, प्रहलादपुर, सीही, मिर्जापुर, भतौला की भूमि का सैक्शन 4 दिनांक 01/05/2006 को हुआ था व अवार्ड 24/4/2009 को केवल मु0 16 लाख रूपये प्रति एकड के हिसाब से घोषित किया गया था। भूमि पर सन् 2008 से ही हाईकोर्ट में भूमि छुडवाने की याचिका लम्बित है और उसमें कब्जे पर स्टे आर्डर लगा हुआ है। इसलिए इस जमीन पर सरकार ने कब्जा नहीं लिया है किसानों ने मुआवजा भी प्रान्त नहीं किया है। मुआवजा बढ़ाने के मुकदमा भी हाईकोर्ट पंजाब एण्ड हरियाणा में लम्बित है इसलिए हमारी भूमि भी उसी श्रेणी में आती है जैसी भूमि को छोडने का फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। नहर पार की भूमि को अधिग्रहण से मुक्त किया जाये। नहरपार के किसानों ने आज तक अपनी जमीन पर सरकार को ना तो कब्जा दिया और ना ही मुआवजा उठाया है माननीय मुख्यमन्त्री के आदेश पर नहरपार के किसानों ने अपनी जबदस्ती अधिग्रहित जमीन को चिन्नहित व खाली पडी जमीन का विवरण बनाकर किसानों की तरफ से हरियाणा सरकार को भेजा जाये। ताकी जमीनो को किसानों को दिया जा सके इस मौके पर मास्टर जय नारायण वशिष्ठ, ब्रहमदत्त वशिष्ठ जय प्रकार भाटी, किसन नम्बरदार, अजीत नम्बरदार प्रदीप कुमार निरंजन चंदीला धर्मसिंह मनोज यादव इन्द्राज शर्मा रन सिंह नरेन्द्र शर्माघ्रामपाल विजय कुमार यादव राम कुमार बिजेन्द्र शर्मा अनील कुमार हर्ष वशिष्ठ एडवोकेट अनूप नरेश पवन कुलदीप कमल सुनील भारद्वाज अंकिल आदि किसान मौजूद थे।