फरीदाबा। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जमीनों के कलेक्टर रेट निर्धारण करने हेतु सुझाव एवं आपत्तियाँ आमंत्रित करने के लिए जन जागरण अभियान की शुरूआत की गई है। इसका उद्देश्य कलेक्टर रेट निर्धारित करने में पारदर्शिता लाना व इसमें जनता के सुझावों को शामिल करना है। उपायुक्त यशपाल मंगलवार को लघु सचिवालय के प्रथम तल स्थित कॉन्फ्रेंस हाल में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।उपायुक्त ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला फरीदाबाद में भी तहसीलों व उप तहसीलों के कलेक्टर रेट का ड्राफ्ट जिला फरीदाबाद की वेबसाईट www.faridabad.nic.in पर आम जनता से ड्राफ्ट पर सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त करने के लिए अपलोड कर दिया गया है। आम नागरिक वर्ष 2021 के लिए कलेक्टर रेट में संशोधन के लिए अपने सुझाव व आपत्तियाँ वेबसाईट www.jamabandi.nic.in पर ऑनलाईन 15 जनवरी 2021 तक भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निर्देश दिए गए थे कि 15 दिसंबर 2020 से कलेक्टर रेट का ड्राफ्ट पब्लिश किया जाना है। 16 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक पब्लिक से सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त करनी है तथा 16 जनवरी 2021 से 15 फरवरी 2020 तक सुझाव एवं आपत्तियों की सुनवाई करनी है। कलेक्टर रेट के बारे में सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त होने के बाद उनकी सुनवाई के लिए अतिरिक्त उपायुक्त को नियुक्त किया गया है।उन्होंने बताया कि तहसीलों व उप तहसीलों में प्रत्येक कालोनी या क्षेत्र के कलेक्टर रेटों का आंकलन करने व निर्धारित समय पर प्रस्तावित कलेक्टर रेट नोडल अधिकारी को भिजवाने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि सभी उपमंडल अधिकारी (ना.) को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि कमेटियां ऐसे गैर सरकारी व्यक्तियों से विचार विमर्श करेंगी जिनकों अपने-अपने एरिया से संबंधित मार्केट रेट की पूर्ण जानकारी हो। उन्होंने बताया कि कमेटियों के लिए सर्वे करवाना भी अति आवश्यक है। उपायुक्त ने बताया कि यह कमेटियां कलेक्टर रेट की लॉजीकल गणना करके पिछले 12 महीने के रेट का परीक्षण करेंगी।
पंचायती जमीनों पर कब्ज़ा करना महंगा पड़ेगा
पत्रकार वार्ता में उपायुक्त यशपाल ने बताया कि जिलाभर में पंचायती जमीनों पर जितने भी कब्जें हैं उन सभी को हटवाया जाएगा। उन्होंने उन लोगों से तुरंत कब्जें हटवाने की अपील की जिन्होंने कब्जें किए हुए हैं। उपायुक्त ने बताया कि पंजाब विलेज कामन लैंड रेगुलेशन एक्ट 1961 के तहत 736 केस विभिन्न एसडीएम की कोर्ट में चल रहे हैं और उनमें से 206 केसों का निपटारा भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त कोर्ट में भी उन्होंने 26 अपील व पांच मालिकाना हक के मामलों का निपटारा किया है। पिछले तीन माह में 31 केसों का निपटारा भी किया गया है।उपायुक्त ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति पंचायती जमीनों पर अवैध कब्ज़ा किए मिलता है तो उसके खिलाफ नियम-7 के सब नियम-5 के तहत आपराधिक मुकद्दमा दर्ज होगा और दो साल की सजा का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि जिन 206 केसों में फैसला हुआ है उनमें संबंधित बीडीपीओ को निर्देश दिया गया है कि वह तुरंत कब्ज़ा कार्रवाई पूरी करे। बाकी केसों का निपटारा भी छह माह के अंदर कर दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान डीआरओ बस्ती राम, डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश चंद्र भी मौजूद थे।आयुष्मान भारत योजना में गोल्डन कार्ड तुरंत बनवाएं लाभार्थी
उपायुक्त यशपाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका उद्देश्य एसईसीसी-2011 के तहत चिन्हित लाभार्थी परिवार को पूरे भारत में योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक का बीमार होने पर मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया करवाना है।उन्होंने बताया कि इस योजना को हरियाणा में 15 अगस्त 2018 को लागू किया गया था। जिला फरीदाबाद में अब तक 87311 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। उन्होंने उन सभी लोगों से अपने आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने की अपील की जो एसईसीसी-2011 के तहत चिह्नित लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में सभी प्रकार की बीमारियां कवर होती हैं और परिवार के सभी सदस्यों को इसका लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जिला में अब तक 4854 मरीजों का नि:शुल्क ईलाज किया जा चुका है। इस पर सरकार द्वारा सात करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला फरीदाबाद में छह सरकारी व 21 प्राईवेट अस्पताल सूचीबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों में नि:शुल्क बनता है और सीएससी केंद्रों पर 30 रुपये शुल्क लेकर इसे बनाया जाता है। इसे बनवाने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और प्रधानमंत्री का मूल पत्र अगर प्राप्त हुआ है तो उसे अपने साथ लेकर जाएं।