फरीदाबाद। वाइएमसीए ने छात्रों के लिए एक नवीन कदम उठाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ सोनिया बंसल ने बताया कि इस अनुसंधान पर आने वाली लागत को हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वहन किया जायेगा,जिसके वित्त पोषण के लिए विभाग द्वारा लगभग 9 लाख रूपये स्वीकृत किये गये है। इसके अलावाए विभाग ने परियोजना में सहयोग के लिए 12 हजार रूपये के मासिक मानदेय के साथ एक प्रोजेक्ट फेलो का पद भी स्वीकृत किया हैए जोकि दो वर्ष अवधि के लिए है। भौतिक विज्ञानए नैनो अथवा मेटीरियल साइंस में न्यूनतम 55 प्रतिशत के साथ पीजी डिग्री या उच्चतर शिक्षा रखने वाला अभ्यार्थी परियोजना से जुड़ सकता हैए जोकि भौतिक विज्ञान में अनुसंधान में रूचि रखने वालों को एक बेहतरीन अवसर है। इसके लिए 20 जूनए 2016 तक आवेदन किया जा सकता हैए जिसके लिए विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। डॉ सोनिया ने बताया कि ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक भौतिकी की वह शाखा हैए जिसमें उन इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों का अध्ययन किया जाता हैए जो प्रकाश उत्सर्जितए नियंत्रित या प्राप्त करती हैं। इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य डोप्ड जिंक ऑक्साइड आधारित नैनो संरचना का निर्माण करते हुए इससे बेहतर ऑप्टिकल व आकार प्रदान करना है ताकि छोटे आकार द्वारा बेहतर परिणाम लिये जा सके। जिंक ऑक्साइड को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे सेंसरए सोलर सेलए लेजर डायोड, एलडी तथा एलईडी में आकर्षक रूप प्रयोग किया जा रहा है। डोप्ड जिंक ऑक्साइड आधारित नैनो संरचना अन्य पदार्थों की तुलना में बेहतर रोशनी प्रदान करते है। ऐसी नैनो संरचनाएं उच्च क्षमता की लागत में किफायती इलेक्ट्रॉनिक तथा ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में सहायक होती है। साथ ही कुलपति प्रो. दिनेश कुमार जोकि अनुसंधान के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि रखते हैए ने डॉ सोनिया बंसल को परियोजना के लिए शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संकाय सदस्य अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की दिशा में कार्य करें। कुलसचिव डॉ संजय कुमार ने भी डॉ सोनिया को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं द्वारा अनुसंधान कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये।