फरीदाबाद(standard news)… गायकी के लिए बेहतर आवाज हासिल करने का तकनीक सीखने के उद्देश्य से वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा ‘वॉयस कल्चरÓ पर सुप्रसिद्ध गायक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वॉयस ट्रेनर प्रो. टी. उन्नीकृष्णन का एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ प्रोफेसर एवं संगीत के संकायाध्यक्ष प्रो. उन्नीकृष्णन, जिन्हें वॉयस कल्चर पर गहन अध्ययन व शोध करते हुए सभी प्रकार की गायकी में स्वर परिवर्तन की कई तकनीकों को विकसित करने की उपलब्धि हासिल है, द्वारा विद्यार्थियों को ‘वॉयस कल्चरÓ पर रोचक व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में एसएमएस खालसा कालेज, बराड़ा (अंबाला) से डॉ प्रवीण वर्मा विशिष्ट अतिथि थी और उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने की उपयोगी टिप्स दिये। इससे पूर्व कुलपति डॉ दिनेश कुमार ने प्रो. उन्नीकृष्णन का स्वागत किया तथा उन्हें एक शोधकर्ता, कलाकार, शिक्षक और प्रशासन के रूप में बहुमुखी प्रतिभा का धनी व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें प्रो. उन्नीकृष्णन जैसे प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व से गायकी के गुर सीखने का अवसर मिला है।
अपने विशेषज्ञ व्याख्यान में प्रो. उन्नीकृष्णन ने बताया कि गायकों के सम्मुख आने वाली आम समस्याओं जैसे आवाज में तनाव, सांस लेने में तकलीफ, गले में सूखापन एवं असहज अनुभूति होने का प्रमुख कारण सांस लेने गलत तौर-तरीके, अभ्यास की कमी तथा स्वरतंत्री की देखभाल को लेकर की जाने वाली अनदेखी या जानकारी का अभाव है। उन्होंने बताया कि वॉयस कल्चर तकनीकों से आवाज को बेहतर बनाया जा सकता है, जिसके लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को आवाज को बेहतर बनाने वाली वॉयस कल्चर तकनीकों तथा देखभाल की जानकारी दी। उन्होंने मानव स्वर को विज्ञान एवं प्रकृति से भी सहसंबद्ध कर अनेकों उदाहरण प्रस्तुत किये।इस अवसर पर कुलसचिव डॉ संजय कुमार शर्मा तथा संकायाध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण प्रो. एस के अग्रवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन सांस्कृतिक एवं युवा मामलों के निदेशक डॉ प्रदीप डिमरी तथा सांस्कृतिक मामलों की अध्यक्ष डॉ सोनिया बंसल ने किया।