फरीदाबाद/- यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 88, फरीदाबाद के डॉक्टरों ने अपनी अद्वितीय चिकित्सीय दक्षता और त्वरित निर्णय क्षमता का परिचय देते हुए 11 वर्षीय बच्ची की जान बचाई, जो गंभीर सांस की तकलीफ से जूझ रही थी। समय रहते की गई चिकित्सा हस्तक्षेप के चलते बच्ची को नया जीवन मिला।
यह बच्ची अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में गंभीर स्थिति में लाई गई थी। उसे अत्यधिक सांस फूलने, तेज सांस चलने और लगातार खांसी की शिकायत थी। अस्पताल पहुंचने पर उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर मात्र 90% पाया गया, जो जीवन के लिए खतरनाक रूप से कम था। चिकित्सकीय जांच में उसके बाएं फेफड़े में हवा के प्रवेश में भारी कमी पाई गई, जिससे किसी गंभीर समस्या का संकेत मिला।
तुरंत छाती का एक्स-रे किया गया, जिसमें बाएं फेफड़े का पूरा ढह जाना (लंग कोलैप्स) सामने आया — यह स्थिति जीवन के लिए बेहद जोखिमपूर्ण थी और तुरंत इलाज की मांग कर रही थी। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 88, फरीदाबाद के पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर डॉ. विजय अग्रवाल की टीम ने जनरल एनेस्थीसिया के तहत आपातकालीन ब्रोंकोस्कोपी करने का निर्णय लिया ताकि फेफड़े में हवा के मार्ग में मौजूद रुकावट को हटाया जा सके।
विशेष रूप से डिजाइन किए गए पीडियाट्रिक ब्रोंकोस्कोप की मदद से डॉक्टरों ने अत्यंत सावधानीपूर्वक बच्ची के वायुमार्ग तक पहुंच बनाई और रुकावट को हटाया। यह प्रक्रिया बहुत बारीकी और सटीकता से की गई और बच्ची ने इसे अच्छी तरह सहन किया। प्रक्रिया के कुछ ही मिनटों में बच्ची के ऑक्सीजन स्तर बढ़ने लगे, सांस लेना आसान हुआ और उसका फेफड़ा फिर से फैलने लगा — जो उपचार की सफलता का स्पष्ट संकेत था।
प्रक्रिया के बाद बच्ची को कुछ दिनों तक अस्पताल में निगरानी में रखा गया। दोबारा किए गए एक्स-रे और जांचों में उसकी फेफड़ों की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। पीडियाट्रिक्स, एनेस्थीसिया और पल्मोनोलॉजी टीमों के सामूहिक प्रयासों से बच्ची ने पूरी तरह से स्वस्थ होकर स्थिर स्थिति में अस्पताल से छुट्टी पाई।
इस केस पर बात करते हुए यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 88, फरीदाबाद के पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर डॉ. विजय अग्रवाल ने कहा, “यह मामला इस बात को रेखांकित करता है कि बच्चों में सांस संबंधी आपात स्थितियों में त्वरित निदान और उपचार कितना आवश्यक है। यह बच्ची हमारे पास कम्पलीट लंग कोलैप्स के साथ आई थी, और हर मिनट महत्वपूर्ण था। एडवांस्ड ब्रोंकोस्कोपी तकनीक और अनुभवी मल्टीडिसिप्लिनरी टीम की बदौलत हम फेफड़े की कार्यक्षमता को समय रहते बहाल कर सके और एक संभावित जानलेवा स्थिति को टाल दिया। उसकी तेजी से हुई रिकवरी देखना हमारे लिए बेहद संतोषजनक है।”
इस सफल उपचार ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि यथार्थ अस्पताल, सेक्टर 88, फरीदाबाद उच्च गुणवत्ता वाली, विशेषज्ञतापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अस्पताल में एडवांस पीडियाट्रिक ब्रोंकोस्कोपी और क्रिटिकल केयर की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे बच्चों में जटिल श्वसन समस्याओं का समय पर और सटीक इलाज संभव हो पाता है।
अपने प्रशिक्षित विशेषज्ञों और अत्याधुनिक चिकित्सा ढांचे के माध्यम से यथार्थ अस्पताल निरंतर बाल स्वास्थ्य और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है, ताकि हर मरीज — चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो — जीवन और स्वास्थ्य की नई उम्मीद पा सके।






