फरीदाबाद। वर्तमान परिवेश में श्रम संबंधी कानूनों को अपेडेट करने व उनमें संशोधन समय की मांग है। श्रम कानूनों का मौजूदा जो रूप है वह काफी पुराना है, हालांकि समय-समय पर जो संशोधन किए गए उनसे अवश्य काफी राहत मिली है परन्तु इन संशोधनों की प्रक्रिया में जो समय लगता है वह काफी अधिक होता है और संशोधन की व्यवहारिकता ही समाप्त हो जाती है। हरियाणा प्रोडक्टिविटी काऊंसिल के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने यहां यह उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रम कानूनों को सरल व प्रभावी बनाया जाना काफी जरूरी है। आपने कहा कि श्रम संबंधी कानून में कई ऐसे नोटिफिकेशन हैं जो समय समय पर जारी किए गए जिससे श्रम कानून पेचीदा महसूस होता है, ऐसे में इसे सरल बनाने के लिए ठोस नीति क्रियान्वित की जानी चाहिए।श्री मल्होत्रा ने हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल द्वारा ‘वट ए सुपरवाईजर शुड नो’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप में अपने अध्यक्षीय संबोधन में उपस्थितजनों को संबंोधित करते हुए कहा कि जहां उद्योग प्रबन्धकों को कानून की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उन्हें चाहिए कि वह विधि सम्मत रूप से कार्य करें। श्री मल्होत्रा के अनुसार इसके साथ-साथ सरकार को भी चाहिए कि यदि वह ईज ऑफ डूंइग बिजनेस संबंधी नीति को वास्तव में सफल बनाना चाहती है तो श्रम संधी कानूनों को सरल व उदार बनाए।श्री मल्होत्रा ने वर्कशॉप में शामिल प्रतिभागियों से आहवान् किया कि वे बेहतर सम्वाद का माहौल तैयार करे। आपने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि संस्थान में श्रमिकों, कर्मचारियों व प्रबन्धन के बीच बेहतर तालमेल हो। आपने कहा कि श्रम संबंधी कानूनों को समझने की आवश्यकता है तभी उन्हें कार्यअमल में लाया जा सकता है। श्री मल्होत्रा ने कहा कि कई बार जानकारी के अभाव में ऐसे कार्य किए जाते हैं जो विधि सम्मत नहीं होते और जिनके कारण समस्या का सामना करना पड़ता है। श्री मल्होत्रा ने इस हेतु कानून के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया। संस्थान में परस्पर सम्वाद की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि कार्य एक निर्धारित फ्रेम वर्क में होना चाहिए और श्रम कानूनों की पालना के साथ ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए कि उत्पादकता बढ़ाई जा सके और लागत कम की जा सके। हरियाणा की बाल कल्याण समिति के चेयरमैन एच एस मलिक ने जूवीनियाल जस्टिस एक्ट के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रबन्धन की जिम्मेवारी है कि वह संस्थान में बाल श्रम न होने दें। आपने कहा कि महिला कर्मचारियों के लिए भी विशेष नीति बनाई जानी चाहिए क्योंकि कानून के अनुसार उनके लिए कई विशेष प्रावधान जरूरी हैं। श्री मलिक ने जूवीनियाल जस्टिस एक्ट के संबंध में कई जानकारियां भी प्रदान की। हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल के निवर्तमान प्रधान जी सी नारंग ने अपने संबोधन में शिकायतों के निपटारों व उनके लिए उचित कार्यवाही से संबंधित जानकारी प्रदान की। श्री नारंग ने कई उदाहरण भी दिए जिनसे समस्याओं के समाधान का रास्ता निकला।हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल के वरिष्ट उपप्रधान श्री एच एल भुटानी ने अप्रेटिस शॉप एक्ट व इस संबंध में हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल की भूमिका के संबंध में जानकारी प्रदान की। आपने कहा कि प्रशिक्षण और श्रम कानूनों में अपग्रेशन कई विवादों को समाप्त कर सकता है। अतिरिक्त श्रमायुक्त हरीश शर्मा, निवर्तमान अतिरिक्त श्रम आयुक्त एस एस चौहान, प्रमुख श्रम सलाहकार ए एन शर्मा और हरीश शर्मा ने वर्कशाप में सभी 14 प्रमुख एक्टों की जानकारी प्रदान की। कहा गया कि जागरूकता से कई समस्याओं का समाधान संभव है।श्री संजय बधावन ने स्किल डवलैपमेंट संबंधी स्कीम में भागीदारी के संबंध में जानकारी ली। धन्यवाद प्रस्ताव हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल के महासचिव री बेचूगिरी ने प्रस्तुत किया। वर्कशॉप में व्हर्लपूल, सिक्योरियो इलैक्ट्रानिक्स, इसको डाई कास्टिंग, इन्डो आटोटैक, एचजीआई ओटोमोटिव, प्रोडक्षन एडस एण्ड कन्सलटेंट, गुपता एक्जिम, इलोफिक इन्डस्ट्रीज, प्रिटर्स हाऊस, सिडवाल रैफ्रीजरेशन, सैन्ल्यूब इन्डस्ट्रीज, कार्तिक इलैक्ट्रोनिक, साई सिक्योरिटी प्रिन्टर्स, भारतीय वाल्वस, रिबन आईसोसिस्टम, आर एम टूल्स, स्टर्लिंग टूल्स, हैवल्स, एचएच इन्टिरियर एंड आटो कम्पोनैंट, रिंकू रबड़, विंग आटोमोबाईल, एसजी इनडस्ट्रीज सहित 34 औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सर्वश्री विजय राघवन, सी वी राव, पी के सिंह, उद्यम सिंह, के के नांगिया, अमरनाथ शर्मा, विवेक शर्मा, कुलदीप विष्ट सहित हरियाणा प्रोडक्टिीविटी काऊसिंल के सदस्यों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। प्रतिभागियों को जे पी मल्होत्रा व हरीश शर्मा द्वारा प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए।